जब पलभर में राख का ढेर बन गया अमेरिका का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर,
नई दिल्ली :अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आज ही के दिन हमला हुआ था जिसमें 2983 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 6000 लोग घायल हो गए थे। हमले में 100 पुलिस अधिकारी और फायर फाइटर्स की भी जान चली गई। इस हमले में मरने वालों में 57 देशों के लोग शामिल थे। हमले के बाद अमेरिका का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में राख का ढेर बन गया था।
आतंकियों ने 11 सितंबर 2001 की सुबह करीब 8:46 पर न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर में जेट एयरलाइन्स के विमान को टकरा दिया। वहीं, तीसरे विमान से पेंटागन पर हमला किया गया, जबकि चौथा प्लेन पेन्सिलवेनिया में क्रैश हो गया था।
हमला करने वाले 19 आतंकियों में से 15 सऊदी अरब के थे और बाकी यूनाईटेड अरब अमीरात, इजिप्ट और लेबनान के रहने वाले थे। कुछ आतंकी तो यूरोप में रहे और बाद में अमेरिका में रहने में सफल हो गए।
हमले के वक्त वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हजारों कर्मचारी मौजूद थे. यह इमारत 1300 फुट ऊंची थी और इसे दुनिया की सबसे ऊंची इमारत माना जाता था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर यह पहली साजिश नहीं थी। इससे पहले साल 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के अंडरग्राउंड गैराज में एक ट्रक बम लगाया गया था। इससे हुए जबरदस्त धमाके में सात मंजिलों को नुकसान पहुंचा था। इसमें छह लोगों की मौत हुई थी और लगभग 1000 लोग घायल हो गए थे।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की जगह पर अब एक नेशनल सितंबर 11 मेमोरियल और म्यूजियम बनाया गया है। एक 1776 फुट ऊंचे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का भी निर्माण किया गया है, पेंटागन में भी एक मेमोरियल बनाया गया है।