जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर आतंकियों के निशाने पर
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नौ टीमों में से तीन को कश्मीर घाटी में, दो को जम्मू में और चार को उधमपुर में रखा गया है।
सेना के उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पठानकोट हमले के बाद विशेष टीमें सैन्य स्टाइल में जवाब देने को तैयार हैं।
इन टीमों को मुख्य रूप से एयरबेस, सेना के हथियार डिपो, सेना के स्कूलों, सैन्य कार्यालयों, अस्पतालों और महत्वपूर्ण प्रशासनिक स्थानों पर तैनात किया गया है। यह वही टीमें हैं, जिन्होंने पिछले साल जून में मणिपुर में 18 सैनिकों की मौत के बाद बार्डर क्रास कर म्यांमार में आतंकियों को मारा था।हुड्डा के अनुसार टीमों में पैरा नौ और पैरा चार के जवान होंगे। प्रत्येक टीम में 100-100 सदस्य हैं। यह सदस्य सेना में कमांडो का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। खास बात यह है कि जवान इस्त्रायल की टीएआर-21, अमेरिका में बनी कोल्ट एम-4 कार्बाइन और इस्त्राइल गैलिल व रूस की ड्रैगनोव स्नाइपर राइफल से लैस हैं।
सैन्य अधिकारी के अनुसार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए यह व्यवस्था की गई है। उनका कहना है कि यदि कोई वारदात हो जाती है तो नेशनल सिक्योकिटी गार्ड या अन्य टीमों के पहुंचने से पहले ही उनकी टीमें मौके पर उतर जाएंगी।
अधिकारी के अनुसार पठनकोट में आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिए हैं कि आतंकी किसी भी समय इन तीनों शहरों को निशाना बना सकते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि एजेंसियों की रिपोर्ट गलत भी हो सकती है, लेकिन वह पूरी तरह से तैयार हैं।