
श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने 63 अधिकारियों को रातोंरात उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम में जबरन सेवानिवृत्ति दे दी। इससे संबंधित पत्र उनके आवासों/दफ्तरों में सीलबंद लिफाफे में मंगलवार देर शाम तक पहुंचाए गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी है, उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। राज्य के मुख्य सचिव मुहम्मद इकबाल खांडे ने ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार कर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को सौंपे थी। जम्मू एवं कश्मीर सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, प्रशासन को साफ करने का काम उसी दिन शुरू हो गया था, जब इस साल पहली मार्च को नई सरकार ने सत्ता संभाली थी। यह एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसके जरिये यह संदेश दिया जाएगा कि नौकरशाह लोगों की सेवा के लिए हैं, न कि उन्हें लूटने के लिए। सूत्रों का कहना है कि जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई है, उनमें राज्य प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारी, इंजीनियर और अधीनस्थ सेवा के कुछ अधिकारी हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि जिन अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति से संबंधित पत्र भेजे गए हैं, उन्हें तीन माह के वेतन के बराबर रुपयों का चेक भी भेजा गया है।