जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की अटकलों के बीच केंद्र शासित प्रदेश को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए 14 नेताओं को बुलावा भेजा गया है, जिनमें सूबे के चार पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन नेताओं को 24 जून को दिल्ली बुलाया गया है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार हो रही इस तरह की बैठक के लिए सभी नेताओं को कोरोना जांच रिपोर्ट भी साथ लाने को कहा गया है।
जम्मू-कश्मीर को लेकर आगे की योजनाओं पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इन नेताओं से संपर्क किया है और पीएम आवास पर मुलाकात के लिए आमंत्रित किया है। जिन नेताओं को बुलाया गया है नमें चार पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर से पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता तारा चंद, पीपील्स कॉन्फ्रेंस लीडर मुजफ्फर हुसैन बेग और बीजेपी नेता निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता को भी बुलाया गया है। इनके अलावा सीबीआई (एम) नेता मोहम्मद युसूफ तारागामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चीफ अल्ताफ बुखारी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह को भी आमंत्रित किया गया है।
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करके राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार इस तरह की बैठक हो रही है। बताया जा रहा है कि बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ अन्य केंद्रीय नेता भी मौजूद रह सकते हैं। अटकलें है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी में हैं।