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जम्मू—कश्मीर में ड्रोन हमले में हो सकता है लश्कर-ए-तैयबा का हाथ : डीजीपी

श्रीनगर : जम्मू आईएएफ बेस पर ड्रोन हमले के मामले में जम्मू—कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि हमने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की समीक्षा की है और कुछ विशेष उपाय किए गए हैं। हम महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को फिर से देखने और फिर से उन्मुख देखने के लिए प्रौद्योगिकी और अन्य काउंटर-उपायों के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है जिसे आईईडी प्राप्त करना था और उसे आगे लगाना था। लश्कर बड़े पैमाने पर शामिल है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान से संचालित हो रहा है।

आईईडी में आरडीएक्स मिला है। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि ड्रोन सीमा पार से चलाए गए थे या सीमा के पास कहीं। ऐसे संकेत हैं कि इसके पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है क्योंकि उसने पहले भी ऐसी दर्जनों गतिविधियों को अंजाम दिया है, जिसमें हथियार और आईईडी गिराना शामिल है।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि राज्य में बीते कुछ समय से ड्रोन से हमले की साजिश की बात सामने आ रही है। हमारी एजेंसियां और सुरक्षा प्रतिष्ठान इस तरह की गतिविधियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और सभी सुरक्षाबल पूरी तरह अलर्ट पर हैं। गौरतलब है कि 27 जून को भारतीय वायु सेना के जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से किए गए हमले ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए ख़तरे की घंटी बजा दी है, इसे अपने किस्म की पहली ऐसी घटना माना जा रहा है जिसमें ड्रोन पर विस्फोटक लगाकर भारतीय सेना को निशाना बनाने की कोशिश की गई।

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