जम्मू में शनिवार-रविवार की रात एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन अटैक की जांच अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है. घटना के 48 घंटे बाद मामले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी है. इस अटैक में जम्मू एयरबेस को निशाना बनाया गया था, ड्रोन के जरिए दो विस्फोटक अंदर भेजे गए थे, जिसकी वजह से दो छोटे धमाके हुए थे. इनमें एक विस्फोट एयरबेस में एक छत पर हुआ जबकि दूसरा खुले में हुए. हमले में दो जवानों को कुछ चोट भी पहुंची थी, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था. अभी तक इस मामले में कोई जानकारी नहीं मिली है.
जम्मू एयरबेस स्टेशन पर हुए हमले में ड्रोन के इस्तेमाल ने सुरक्षाबलों की परेशानी बढ़ा दी है तो देश के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी गई है. देश में पहली बार कथित तौर पर सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल जम्मू एयरबेस स्टेशन पर हुआ. मगर उसके बाद से जम्मू में संदिग्ध ड्रोन की गतिविधियां तेजी से बढ़ने लगी हैं. जम्मू में लगातार संदिग्ध ड्रोन नजर आ रहे हैं. इस बीच एक बार फिर ड्रोन दिखाई पड़ने की खबर आई है. सूत्रों ने बताया है कि जम्मू के रत्नुचक इलाके के कुंजवानी में देर रात संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी गई.
इससे पहले जम्मू मिलिट्री स्टेशन के पास भी सोमवार को ड्रोन दिखाई दिए. जम्मू के कालूचक मिलिट्री स्टेशन पर तड़के 3 बजे 2 ड्रोन देखे गए. हालांकि एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले के बाद से ही अलर्ट सेना ने इस पर तुरंत एक्शन लिया ड्रोन देखते ही उस पर 20 से 25 राउंड की फायरिंग की. हालांकि फायरिंग के बाद रात के अंधेरे में ड्रोन गायब हो गए. ऐसा माना जा रहा है कि यह एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के अगले ही दिन ड्रोन के जरिए मिलिट्री स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश थी.