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जयराम रमेश ने कहा-ये लोकसभा चुनाव मिलकर लड़े या नहीं, लेकिन यूपीए के साथ ही खड़ी होंगी ममता

कांग्रेसी नेता जयराम रमेश को भरोसा है कि 2019 में ममता बैनर्जी यूपीए के साथ ही रहेंगी। इससे फर्क नहीं पड़ता है कि वे लोकसभा चुनाव कांग्रेस और सहयोगी दलों के साथ मिलकर लड़े या नहीं। जयराम ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले या बाद में ममता यूपीए के साथ ही खड़ी होंगी। जयराम रमेश ने कहा-ये लोकसभा चुनाव मिलकर लड़े या नहीं, लेकिन यूपीए के साथ ही खड़ी होंगी ममता

एक खास बातचीत में शनिवार को जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस पार्टी ऐसे सभी दलों को अपने साथ ला रही है जो देश हित में काम करना चाहते हैं। इसके लिए हमें सफलता भी मिल रही है। राज्यसभा के उपसभापति चुनाव में विपक्षी दलों का एक न हो पाने के सवाल पर जयराम ने कहा, यह बात कोई मायने नहीं रखती। शिव सेना और अकाली दल के सांसदों को एक नहीं, बल्कि कई बार फोन किए गए। यूपीए की सबसे बड़ी सफलता है कि सपा और बसपा का साथ आना। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट भी भाजपा के खिलाफ यूपीए के साथ खड़े हैं। 

ममता बनर्जी द्वारा अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात करने के बारे में जयराम ने कहा, इसका गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह तय है कि ममता बनर्जी किसी भी सूरत में भाजपा व उसके सहयोगी दलों के साथ नहीं जाएंगी। वे लोकसभा चुनाव से पहले या बाद में यूपीए का ही समर्थन करेंगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में फिलहाल लोकसभा की 42 सीटों में से 34 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। सीपीआई व भाजपा के पास दो-दो, जबकि कांग्रेस पार्टी के खाते में चार सीटें हैं। 

तीन तलाक बिल पर भाजपा ने खेल खेला है

जयराम का कहना है कि तीन तलाक बिल के राज्यसभा में पेश न हो पाने का कारण भाजपा ही है। भाजपा ने इस पर खेल खेला है। कुछ समय पहले कांग्रेस पार्टी व सहयोगी दलों ने इस बिल में जिन संशोधनों की बात कही थी, उस वक्त भाजपा को उन पर एतराज था। अब उन्होंने वे सभी बातें, जो विपक्षी दलों ने कही थी, संशोधन बिल में डाल दी।

भाजपा को यह मालूम था कि शुक्रवार दोपहर के बाद प्राइवेट मेंबल बिल पेश करने का समय होता है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा सरकार ने तीन तलाक जैसे अति महत्वपूर्ण बिल को पेश करने की जिद पकड़ ली। बतौर जयराम, हमारा इतना ही कहना था कि इस बिल को राज्यसभा में लाने से पहले सदन की कार्यमंत्रणा समिति के पास भेज दिया जाए। 

सवाल यह भी उठता है कि सरकार ने वीरवार को यह बिल पेश क्यों नहीं किया। इसके लिए शुक्रवार की क्यों चुना। इतना ही नहीं, शुक्रवार को सदन में भाजपा सरकार के मंत्रियों ने आपस में इशारेबाजी कर एकाएक तीन तलाक पर चिल्लाना शुरू कर दिया।

अगर आप ध्यान से सदन की फुटेज देखें तो मंत्री रविशंकर प्रसाद और अनंत कुमार की पोल खुल जाएगी। कांग्रेसी नेता ने कहा, सदन में जो कुछ हुआ, वह सब सोची समझी चाल का हिस्सा था। सरकार ने इस बिल को पेश करने का टारगेट शुक्रवार को ही रखा था। अब सरकार बिल पेश न होने देने का ठीकरा विपक्षी दलों पर फोड़ रही है। 

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