एजेन्सी/अपनी प्रारंभिक अवस्था में अगर कोई बच्चा शारीरिक या मानसिक रूप से भयभीत रहता है या प्रताड़ित किया जाता है, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह युवावस्था में मादक पदार्थो का उपभोगी हो सकता है. शोधार्थियों का कहना है कि जिन बच्चों को गंभीर अवस्था में प्रताड़ित किया जाता है, ऐसे बच्चों में ड्रग्स, शराब और अन्य मादक पदार्थो के सेवन का उच्च जोखिम नहीं होता है.
वहीं जो बच्चे उच्च स्तर का उत्पीड़िन सहन करते हैं, उनमें अपनी स्कूल के साथियों के मुकाबले सिगरेट और शराब का सेवन करने का अधिक खतरा होता है.
यह शोध में उत्तरपूर्व अमेरिका के एक स्कूल के 763 छात्रों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया था.
अध्ययन में कहा गया है कि दवाओं और शराब का प्रयोग किशोरों के बीच आम है. भले ही वह उत्पीड़न का शिकार हुए हों या नहीं.