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जर्मनी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में इस शहर पर गिराया था बम, अब 80 साल बाद राष्ट्रपति ने मांगी माफी

जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमायर ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पोलैंड पर हुए हमले के नुकसान के लिए पोलैंड से माफी मांगी है। पोलैंड के वीलन शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में जर्मन और पोलिश भाषा में संबोधित करते हुए स्टीनमायर ने कहा कि मैं इस शहर पर हुए हमले के पीड़ितों के सामने सिर झुकाते हुए माफी मांगता हूं। मैं जर्मनी के अत्याचार से पीड़ित पोलैंड वासियों के सामने सिर झुकाता हूं और उनसे क्षमा मांगता हूं। स्टीनमायर ने कहा कि वह जर्मन (नाजी) थे जिन्होंने पोलैंड में मानवता के खिलाफ अपराध किए। जर्मनी का राष्ट्रपति होने के नाते मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम उन घटनाओं को कभी नहीं भूलेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि नाजियों ने पोलैंड पर हमला करके मानवता के खिलाफ बर्बरतापूर्ण कार्य किया था। हम इतिहास द्वारा हम पर थोपी गई जिम्मेदारियां लेने को तैयार हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध की बरसी के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में पोलैंड के राष्ट्रपति भी मौजूद थे।

वहीं, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डुडा ने कहा कि जर्मनी द्वारा पोलैंड पर किया गया हमला एक गंभीर युद्ध अपराध था। जर्मनी के राष्ट्रपति के बयान से इस बात की संतुष्टि मिलती है कि अब आने वाले समय में पोलैंड और जर्मनी के संबंध बेहतर होंगे।

इस कार्यक्रम की समाप्ति के बाद दोनों राष्ट्रपति वीलन संग्रहालय घूमने गए जहां दोनों ने एक सितंबर 1939 की बमबारी में बचे हुए लोगों से भी मुलाकात की।

गौरतलब है कि 80 साल पहले एक सितंबर 1939 को जर्मनी ने पोलैंड के वीलन शहर पर बम गिराया था। इसके बाद ही दूसरा विश्वयुद्ध शुरू हुआ था। 1939 से 1945 तक चले इस विश्वयुद्ध में करीब पांच करोड़ लोगों की जान गई थी।

इससे पहले पिछले साल एक सितंबर को ही पोलैंड ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुए नुकसान के लिए जर्मनी से मुआवजें की मांग की थी। पोलैंड के एक संसदीय रिपोर्ट के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजियों के कब्जे की वजह से देश में 50 लाख लोगों की मौत हुई थी।

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