जलते जहाज में 89 डिग्री की तपिश के बीच चीनी दल ने ढूंढ़े दो शव
शंघाई। हादसे के हफ्ते भर बाद चीन के बचाव दल को आग की लपटों के शिकार ईरानी तेल टैंकर तक पहुंचने में सफलता मिल गई है। दल के सदस्यों को जहाज के एक हिस्से से दो नाविकों के शव बरामद किए हैं। इससे पहले समुद्र से एक शव बरामद हो चुका है। दुर्घटनाग्रस्त जहाज के चालक दल के 29 सदस्य अब भी लापता हैं।
पनामा में रजिस्टर्ड सांची नाम का यह तेल टैंकर खाद्यान्न लदे जहाज से टकराकर छह जनवरी की रात में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 1,36,000 टन अति ज्वलनशील तेल भरे इस जहाज में उसी समय आग लग गई थी। चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने बचाव अभियान चलाया। लेकिन समुद्री इलाके में खराब मौसम और तेज हवा से बचाव कार्य प्रभावित हुआ।
दो दिन पहले तेज हवा के चलते जलता तेल टैंकर पानी के बहाव के साथ जापान की जल सीमा में पहुंच गया। इसके बाद चीन ने बचाव में उत्साह न दिखाने का फैसला किया। बावजूद इसके चीन का बचाव दल काम में लगा रहा। दल के चार सदस्य अंतत: जहाज पर पहुंचने में कामयाब रहे। उन्होंने 89 डिग्री सेंटीग्रेड की तपिश में बेहद खतरनाक स्थिति में नाविकों की तलाश की। देखा कहीं कोई जिंदा तो नहीं है। इसी दौरान बचाव दल को दो शव मिले, जिन्हें वे साथ ले आए। शवों को पहचान के लिए शंघाई भेजा गया है।
चालक दल में 30 ईरानी और दो बांग्लादेश नागरिक थे। बचाव दल ने करीब आधा घंटे तक जहाज पर रुककर वहां से डाटा रिकॉर्डर भी निकाल लिया है। इससे पता चलेगा कि दुर्घटना की असली वजह क्या थी। इसके बाद हवा का रुख बदल जाने और जलते तेल का धुआं जहाज में ही घुसने की वजह से बचाव दल को लौटना पड़ा।