अन्तर्राष्ट्रीय

जलवायु सम्मेलन से पहले पेरिस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प

french-protesters_650x400_41448807163पेरिस: संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन संबंधी महत्वपूर्ण वार्ता से पूर्व हजारों प्रदर्शनकारियों ने शहर में मानव शृंखला बनाई और जलवायु परिवर्तन संबंधी प्रदर्शनों के दौरान धुर वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ हुए संघर्ष में दंगा रोधी पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

फ्रांस की राजधानी में 13 नवंबर के हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दिए जाने के दौरान प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया और बोतलें तथा मोमबत्तियां उठाकर फेंकी। इस घटना के संबंध में करीब सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आयोजकों ने बताया कि करीब 10 हजार प्रदर्शनकारियों ने विनाशकारी हमला स्थल के निकट शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए मानव शृंखला बनाई और नेताओं से जलवायु परिवर्तन पर रोक लगाए जाने की अपील की। ये प्रदर्शनकारी बेटक्लैन कंसर्ट हॉल के समीप से गुजर रहे थे, जहां हमलों में 90 लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों के सम्मान में प्रदर्शनकारियों ने बेटक्लैन के बाहर रखे गए फूलों और मोमबत्तियों से बचने के लिए करीब सौ मीटर का रास्ता छोड़ दिया था।

पेरिस के बाहरी क्षेत्र में 195 देशों के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन से पूर्व प्रदर्शनकारियों ने बुलंद आवाज में कहा, ‘हमारी आवाज सुनो। हम यहां हैं।’ इस शिखर बैठक का मकसद सही मायने में पहला वैश्विक समझौता करना है, जो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्नन को सीमित करेगा और वैश्विक जलवायु विनाश को रोकेगा।

इन्हीं भावुक दृश्यों और पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच चिली के राष्ट्रपति माइकल बेचलेट बैटक्लैन मैमोरियल गए और चिली के तीन पीड़ितों में से एक के परिजन से मिले और फूल चढ़ाए। लेकिन मानव शृंखला के समाप्त होने के करीब दो घंटे बाद समीप के पैलेस दा ला रिपब्लिक स्क्वेयर पर एकत्र हुए पूंजीवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प शुरू हो गई। जैसे ही पुलिस पर बोतलें, मोमबत्तियां और पत्थर फेंके जाने लगे, पुलिस ने घेरा बनाकर उन्हें पीछे धेकेलने की कोशिश की और हवा में आंसू गैस के गोले छोड़े। फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसके लिए ‘शरारती तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया है।

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