प्रवर्तन निदेशालय की जांच को ब्रिटेन के साथ साझा किया गया है। इसके साथ ही सीबीआई द्वारा माल्या के प्रत्यर्पण का संपूर्ण दस्तावेज भी ब्रिटेन को सौंपा गया है जिसमें ये कहा गया है कि माल्या आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के मामलों का अभियुक्त है।
इसके अलावा माल्या आईडीबीआई बैंक और एक बैंकों से धोखाधड़ी का अभियुक्त है। उसने भारतीय बैंकों से लोन लिया और बैंक की सुविधाओं का फायदा उठाया लेकिन उसने लोन वापस नहीं लौटाया जिससे बैंकों को हजार करोड़ का नुकसान हुआ।
अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन को माल्या के खिलाफ दिए गए दस्तावेजों में दम है। सूत्रों के अनुसार माल्या ने लंदन भागने से पहले ही ब्रिटेन में पैसों को ठिकाने पर लगा दिया था। माल्या ने आईडीबीआई बैंक से 900 करोड़ का लोन लिया था। इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा संचालित 17 बैंकों के संघ से कुल 6,027 करोड़ रुपयों का लोन लिया था जिस पर अब ब्याज के साथ कुल बकाया 9,000 करोड़ रुपये हो गया।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि अभी माल्या को भारत लाने में करीब 6 महीने से सालभर का समय लग सकता है। इसके अलावा कहा गया था कि अभी ब्रिटेन की स्थाई अदालतों में एक दर्जन से अधिक सुनवाई होगी। इसके अलावा ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में भी विजय माल्या के मामले को हस्तांतरित किया जा सकता है।