लखनऊ : सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले को खाली करते समय तोडफ़ोड़ में करीब दस लाख रुपये का नुकसान होने का आकलन किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आवंटित इस बंगले में हुए नुकसान की नियमानुसार रिकवरी की जाएगी। राज्य सम्पत्ति अधिकारी को सौंपी 266 पेज वाली जांच रिपोर्ट में अधिकतर नुकसान टाइल्स टूटने व टोटी और पाइप आदि गायब होना दर्शाया गया है। नुकसान का आकलन करने के लिए लोक निर्माण विभाग की पांच सदस्यीय टीम लगायी गयी थी। तोड़फोड़ के आरोपों की जांच कराने और सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा खाली किए बंगलों की वीडियोग्राफी करने के निर्देश राज्यपाल रामनाईक ने दिए थे।
उन्होंने राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों को तलब कर पूरे मामले की जानकारी ली थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में उचित कार्रवाई करने को भी कहा था। पत्र के बाद एक्शन में आए राज्य सम्पत्ति विभाग ने पीडब्लूडी से नुकसान का आकलन करने के लिए कहा था। बीते 19 जून को पीडब्ल्यूडी ने तोड़फोड़ व नुकसान की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमिटी गठित की थी। चीफ इंजीनियर (भवन) सुधांशु कुमार को इसका अध्यक्ष बनाया गया जबकि निर्माण निगम के एमडी, चीफ आर्किटेक्ट और भवन एवं इलेक्ट्रिकल विभाग के एक-एक इंजीनियर को भी शामिल किया गया था। वहीँ राज्य सम्पत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने कहा कि रिपोर्ट और साथ में मिली वीडियोग्राफी वाली सीडी का अध्ययन कराया जा रहा है।विभागीय रिपोर्ट से मिलान करने के बाद असल नुकसान का पता चल सकेगा, उनका कहना था कि नुकसान पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि राज्य सम्पत्ति विभाग के भवनों में होने वाले नुकसान की रिकवरी आवंटी से की जाती है।