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जांबाज अभिनंदन ने तालाब में लगाई थी छलांग और निगल लिए थे नक्शे व दस्तावेज!


नई दिल्ली : पीओके के भीमबर जिले के हूरान गांव में मोहम्मद रज्जाक अपने घर के दालान में था बुधवार सुबह करीब पौने नौ बजे कुछ धुएं और आवाज़ों ने उसका ध्यान खींचा, उसने घर के बाहर आसमान की तरफ देखा तो कुछ ही पलों में उसे पता चला कि दो एयरक्राफ्ट धू-धू कर जल उठे थे। इनमें से एक एलओसी की तरफ उड़ रहा था और दूसरा लपटों में घिरा सीधे ज़मीन पर गिरता चला आ रहा था। फिर रज़्ज़ाक ने देखा कि एक पैराशूट ज़मीन पर उतर रहा था और यह नज़ारा उसके घर से करीब एक किलोमीटर दूर था। रज़्ज़ाक उसकी तरफ बढ़ा और उसने देखा कि उस पैराशूट से एक शख़्स उतरा था। इसके बाद रज़्ज़ाक ने हूरान गांव से ही टेलीफोन पर बताया कि एक पैराशूट से एक पायलट गिरा था। फिर रज़्ज़ाक ने गांव के कई लोगों को इकट्ठा किया और सबने मिलकर आर्मी के वहां पहुंचने तक उस पायलट को पकड़े रखा, लेकिन, इस बीच वह पायलट नक्शे और दस्तावेज़ निगलने में कामयाब हुआ। ये पायलट था, भारतीय एयरफोर्स का विंग कमांडर अभिनंदन, जो अब भी पाकिस्तान सेना के कब्ज़े में है। गौरतलब है कि एक एयरक्राफ्ट के क्रैश हो जाने के बाद भारतीय पायलट अभिनंदन को पाकिस्तान में पैराशूट से उतरना पड़ा और इसके बाद पाक सेना ने अभिनंदन को कब्ज़े में ले लिया। पाक सेना ने कबूल भी किया कि भारत का एक पायलट उसकी पकड़ में है। अभिनंदन को सही सलामत छुड़ाने के लिए भारत की तरफ से कोशिशें जारी हैं और पूरा देश उसके लिए प्रार्थना कर रहा है। पाकिस्तानी मीडिया समूह ‘डॉन’ के पोर्टल पर छपी कहानी के मुताबिक जिस वक्त पाक की ज़मीन अभिनंदन मजबूरन उतरा तब उसके पास एक पिस्तौल थी। गांव के लोगों ने अभिनंदन को पकड़ लिया था और तब अभिनंदन ने पहला सवाल किया था ‘ये हिंदोस्तान है या पाकिस्तान?’ रज़्ज़ाक के हवाले से डॉन ने लिखा है कि अभिनंदन के इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान के ग्रामीणों ने चालाकी से उसे जवाब दिया कि ‘ये हिंदोस्तान है’। इसके बाद अभिनंदन ने हिंदोस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए उन लोगों से पूछा कि वह ​भारत में ठीक ठीक किस जगह पर था, तभी कुछ लोगों ने उसे उस जगह का नाम किल्लान बताया। फिर अभिनंदन ने अपनी पीठ के बुरी तरह से ज़ख्मी होने की बात कहते हुए उन लोगों से पीने के लिए पानी मांगा, तभी, अभिनंदन के नारों से नाराज़ कुछ नौजवानों ने ‘पाकिस्तान आर्मी ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू किए। यह सुनकर अभिनंदन ने अपनी पिस्तौल से हवाई फायर किया और उन नौजवानों ने अपने हाथ में पत्थर उठा लिये। रज़्ज़ाक के मुताबिक इसके बाद ​अभिनंदन उन लड़कों को पिस्तौल दिखाते हुए करीब आधे किलोमीटर तक भागा था। भागते हुए उसने और भी हवाई फायर किए थे। नौजवानों को डराने के लिए उसने फायर किए लेकिन नौजवान डरे नहीं और उसके पीछे भागे, तभी अभिनंदन ने एक छोटे तालाब में छलांग लगा दी। तालाब में कूदते ही अभिनंदन ने अपने पास से कुछ नक्शे और दस्तावेज़ निकाले, जितने वह चबाकर निगल सका निगल गया और बाकी कागज़ात उसने तालाब के पानी में ही गला दिये। इस दौरान अभिनंदन के पीछे पड़े नौजवान लगातार उसे पिस्तौल फेंकने की धमकी दे रहे थे और फिर एक ने अभिनंदन के पैर में गोली दाग दी। आखिरकार, अभिनंदन तालाब से बाहर निकला और उसने कहा कि उसे मारा नहीं जाना चाहिए। तब, गांव के लड़कों ने उसे बुरी तरह से जकड़ लिया। कुछ लड़के तैश में अभिनंदन को पीटने लगे और कुछ ने तैश में आए लड़कों को रोकने की कोशिश की। इसी दौरान, पाकिस्तान आर्मी के सैनिक वहां पहुंचे और अभिनंदन को कस्टडी में ले लिया। रज़्ज़ाक ने डॉन को यह कहानी सुनाते हुए कहा कि ‘अल्लाह का शुक्र कि उन गुस्साए लड़कों में से किसी ने उस पायलट को गोली नहीं मार दी क्योंकि आर्मी के पहुंचने तक वक्त बहुत था।’ इस कहानी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर अभिनंदन की बहादुरी को फिर सलाम किया जा रहा है। साथ ही, पूरा देश अभिनंदन की सलामती के लिए दुआएं कर रहा है।

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