जाकिर नाईक का प्रत्यर्पण नहीं करेंगे : मलेशिया के प्रधानमंत्री
नई दिल्ली : मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश अभी जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित नहीं करेगा। मोहम्मद ने कहा कि जब तक वह हमारे देश में कोई दिक्कत खड़ी नहीं कर रहे हैं तब तक वह उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे, क्योंकि जाकिर को मलेशिया की नागरिकता प्राप्त है। गौरतलब है कि पहले मलेशिया से ऐसी खबर आई कि ज़ाकिर बुधवार रात को ही भारत आ सकता है, लेकिन बाद में विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि ये खबरें सही नहीं हैं। बाद में ज़ाकिर नाईक का भी बयान आया कि वह भारत नहीं आ रहा है। वहीँ बुधवार को जाकिर ने कहा कि अभी मेरा भारत आने का कोई प्लान नहीं है, जब तक निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी तब तक वह नहीं आएंगे। इसके अलावा नाईक ने कहा कि जब मुझे लगेगा कि भारत में निष्पक्ष सरकार है वह तभी भारत वापस आएगा।
गौरतलब है कि एनआईए ने 18 नवंबर 2016 को अपनी मुंबई शाखा में नाइक के खिलाफ यूएपीए कानून और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। डॉक्टर नाईक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड विधान की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 and 505 (2) के तहत आरोप तय किए गए थे। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली, तो वो 1 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था। जांच एजेंसी ने जाकिर पर देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया था। आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ने वाले भारतीय युवकों ने भी भारतीय एजेंसियों को बताया था कि वे जाकिर के भाषण से प्रभावित थे।