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जाकिर नाईक की गैर जमानती याचिका खारिज

इलाहाबाद :  हाईकोर्ट ने जाकिर नाईक की खारिज कर दी है, जाकिर नाईक के खिलाफ एडीजे झांसी ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। डॉ जाकिर नाईक पर भड़काऊ भाषण देने और देशद्रोह आरोप लगा है। याचिका खारिज होने के बाद अब जाकिर नाईक की गिरफ्तारी हो सकती है। न्यायाधीश अमर सिंह चौहान की एकलपीठ ने ये आदेश दिया है।दरअसल, 28 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम धर्म गुरु डॉ जाकिर नाईक की याचिका पर लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। याचिका में झांसी जिला कोर्ट की ओर से जारी गैर जमानती वारंट की वैधता को चुनौती दी गई थी।
न्यायाधीश अमर सिंह चौहान की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता मुदस्सिर उल्ला खान की याचिका पर स्थगन आदेश वापस लेने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि मुस्लिम धर्म गुरु डॉ जाकिर नाईक पर 2008 में बंगलौर में पीस टीवी के एक कार्यक्रम में अध्यात्मिक धर्म गुरु श्रीश्री रविशंकर के साथ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया, उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी तकरीर के दौरान हर मुस्लिम को आतंकवादी और गैर मुस्लिम को आसामाजिक तत्व करार दिया था, इसके साथ ही झांसी में स्वार गेट में कुछ डॉक्यूमेन्ट भी बांटे थे। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित किया। हाईकोर्ट ने 22 मार्च को अपने आदेश में देशद्रोह के मामले में यूपी के झांसी जिले में दर्ज मुकदमे में जिला कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट पर लगी रोक हटा ली थी। डॉ जाकिर नाईक पर लोगों की धार्मिक भावनायें भड़काने और देशद्रोह पर उकसाने का आरोप है। झांसी थाने में डॉ जाकिर नाईक के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता 121 के तहत केस दर्ज है। स्थानीय अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने पर वर्ष 2010 में डॉ जाकिर नाईक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश ले लिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2018 को गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाते हुए उन पर सामान्य प्रक्रिया में केस चलाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही 28 मार्च को मामले की सुनवाई की अन्तिम तिथि भी नियत कर दी थी।

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