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जाटों को आरक्षण देने के खिलाफ संघ-भाजपा में सुगबुगाहट

manmohan-vaidya_landscape_1458362327एजेन्सी/भले ही केंद्र और हरियाणा सरकार जाट बिरादरी को आरक्षण देने का रास्ता तलाशने के लिए माथापच्ची में जुटी है, मगर संघ का साफ मानना है कि इस बिरादरी के साथ ही पटेलों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाना उचित नहीं है। हरियाणा भाजपा में गैरजाट खेमा जहां शुरू से ही जाट बिरादरी को किसी भी कोटे में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ है, वहीं पार्टी में केंद्रीय स्तर पर इस बिरादरी को ओबीसी कोटे में आरक्षण दिए जाने के विरोध में सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

गौरतलब है कि हरियाणा में हिंसक आंदोलन के बाद भाजपा ने जाटों को आरक्षण देने का रास्ता तैयार करने के लिए केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। 

नागौर में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी की ओर से जाट-पटेल की ओर से आरक्षण की मांग पर परोक्ष निशाना साधे जाने के बाद संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने सीधा निशाना साधा। एक हिंदी साप्ताहिक से उन्होंने कहा कि ‘जाट-पटेल संपन्न वर्ग से रहे हैं। मांगने केबदले इन्हें दूसरों को सुविधा देनी चाहिए। इन्हीं वर्गों को बुद्घिजीवियों को आगे बढ़ कर बताना चाहिए कि कमजोर वर्गों तक आरक्षण का लाभ कैसे पहुंचे।’

गौरतलब है कि हाल केदिनों में वर्तमान में जेल में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद हार्दिक पटेल ने अपनी बिरादरी को आरक्षण दिलाने के लिए बड़ा आंदोलन छेड़ा था। इसके बाद जाट बिरादरी की ओर से आरक्षण की मांग पर किए गए आंदोलन ने हिंसक रूप धारण कर लिया था।

जाटों को आरक्षण देने के लिए भले ही हरियाणा और केंद्र सरकार माथापच्ची में जुटी है, मगर देर सबेर इस मामले में भाजपा को गैरजाट नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा में हालांकि सांसद राजकुमार सैनी ही आरक्षण का मुखर विरोध कर रह हैं, मगर सच्चाई यह है कि राज्य सरकार में शामिल गैरजाट मंत्री और गैरजाट विधायक इसके पक्ष में नहीं है। सैनी ने जाटों के लिए ओबीसी कोटे से इतर कोटा देने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि फिर अगड़ी जातियों को भी ऐसे ही कोटा तय कर आरक्षण क्यों न दिया जाए।

इसके अलावा केंद्रीय स्तर पर आरक्षण दिए जाने के प्रयास से केंद्रीय भाजपा में भी सुगबुगाहट है। पार्टी के ओबीसी मोर्चा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक अगर ओबीसी कोटे में जाटों को शामिल किया गया तो पिछड़ी जातियों के नेता इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर सकते हैं। गौरतलब है कि नायडू की अध्यक्षता वाली कमेटी में शामिल जाट नेता ओबीसी कोटे में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करने का सुझाव दे रहे हैं।

 

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