नई दिल्ली। आरक्षण रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खफा जाटों को मनाने की कसरत भाजपा ने शुरू कर दी है। सोमवार को भाजपा के कई जाट नेता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिले। उन्होंने कहा कि जाटों के लिए आरक्षण होना चाहिए। इस मांग पर शाह ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का आश्वासन दिया है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के सांसद बेटे प्रवेश वर्मा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सांसद सतपाल सिंह और केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री संजीव बालयान शाह से मिलने वालों में शामिल रहे। इन नेताओं के जाने के बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने शाह से अलग से मुलाकात की। जाट नेताओं ने शाह को बताया कि जाटों को ओबीसी की सूची से बाहर किए जाने के बाद से समुदाय के लोगों में रोष व नाराजगी है। इन नेताओं ने पार्टी व सरकार से इस मामले में समय रहते कदम उठाने की अपील की। बैठक में पार्टी अध्यक्ष ने यह मुद्दा सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया। साथ ही यहां आए नेताओं को बताया कि मोदी सरकार पहले ही इस मुद्दे पर पुन सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला ले चुकी है।
गौरतलब है कि सुप्रीम 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर जाटों काे ओबीसी के तहत दिया जा रहा केंद्रीय आरक्षण रद्द कर दिया। यह आरक्षण कांग्रेस नेतृत्व वाली मनमोहन सिंह सरकार ने दिया था। अमित शाह से मुलाकात के बाद हरियाणा के वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जाटों की लड़ाई लड़ेगी इसलिए समुदाय को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने लोकसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए आनन-फानन में फैसला लिया था।