जाट आंदोलनः हालात बिगड़ने से रोकने को सरकार की बड़ी कवायद, केंद्र भी अलर्ट


रोहतक की सुनारिया जेल में बंद एक बंदी की भूख हड़ताल के कारण तबीयत बिगड़ गई। उसे पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया गया है। आंदोलन का केंद्र रोहतक ही है, इसलिए सरकार कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहती।सरकार को खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार इन जिलों में आंदोलनकारी जाटों का जमावड़ा अन्य जिलों से ज्यादा है। सरकार झज्जर को अति-संवेदनशील मानकर चल रही है, चूंकि बीते साल फरवरी में आंदोलन के दौरान सबसे अधिक चौदह लोगों की मौत झज्जर में ही हुई थी।
उच्च अधिकारियों ने मांगें पूरी करने को लेकर धरनों पर बैठे जाट नेताओं और अन्य लोगों से सभी शांति बनाए रखने के लिए संपर्क कायम किया हुआ है। सरकार ने फील्ड में तैनात उच्च अधिकारियों को कहा है कि धरने पर बैठे जाटों से संपर्क में रहें और अफवाह फैलने की स्थिति में उन्हें वास्तविकता से अवगत कराएं।
डीजीपी केपी सिंह ने बताया कि सूबे के सभी जिलों की इंटरनेट सेवाएं सुचारु रूप से जारी हैं। झज्जर में महज एक दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद किया गया था।
आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठे जाट संगठनों की तमाम गतिविधियों पर निगरानी रखने में खाप प्रतिनिधि, पंचायत और स्वयंसेवी संगठन भी सहयोग करेंगे। इस मामले में किसी भी विपरीत हालात या उपद्रव की घटना की जानकारी देने के लिए विडियो क्लिप भी तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। कहीं भी हालात बिगड़ने की स्थिति होती है तो विडियो क्लिप की मदद से उन मामलों में सरकार की ओर से तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा एजेंसियां तैनात