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जाट आरक्षण मामला: ‘बिना आंकड़ों के दिया आरक्षण खारिज किया जाए’

jat-reservation_1465580984हरियाणा सरकार की ओर से जाटों समेत छह जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग के रूप में नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में दिए गए आरक्षण के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। 
इस दौरान हरियाणा सरकार की ओर से आरक्षण दिए जाने संबंधी कोई आंकड़े कोर्ट में पेश नहीं किए गए, बल्कि सरकार का पक्ष रख रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील जगदीप धनखड़ लगातार यही दलील देते रहे कि संसद और विधानसभा की ओर से बनाए गए कानून को चुनौती नहीं दी सकती। करीब सवा घंटे चली बहस अधूरी रही और जस्टिस एसएस सारों व जस्टिस लीजा गिल की खंडपीठ ने सुनवाई 21 अक्तूबर पर टाल दी।

शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हरियाणा सरकार के पास जाटों समेत छह जातियों को आरक्षण दिए जाने को लेकर किसी प्रकार के आंकड़े नहीं है और हरियाणा सरकार ने बिना किसी आधार पर यह आरक्षण लागू किया है, इसे खारिज किया जाए। 

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