व्यापार

जाते-जाते रघुराम राजन ने दे डाली यह सलाह

International Monetary Fund's Economic Counsellor and Research Department Director Raghuram Rajan answers a question during a press conference on the World Economic Outlook (WEO) at the Suntec Covention Center in Singapore September 14, 2006. The IMF and the World Bank normally meet once a year in the autumn for a two-day plenary session to discuss the work of their respective institutions. IMF Staff Photo/Stephen Jaffe

नई दिल्ली (3 सितंबर):आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपने अंतिम भाषण में कहा है कि सरकार के सर्वोच्च नेताओं को ‘ना’ कहने की आरबीआई की क्षमता को बचाकर रखना होगा। उन्होंने कहा कि देश को एक मजबूत और स्वतंत्र केन्द्रीय बैंक की आवश्यकता है और इसके लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है।

राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक को सरकार द्वारा तय एक ढांचे के तहत काम करना है और वह सभी बाध्यताओं से मुक्त नहीं हो सकता। हमें थोड़ा सा और आगे जाना होगा और रिजर्व बैंक सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, इसलिए रिजर्व बैंक के पास ना कहने का अधिकार है।

राजन ने यह भी कहा कि जी-20 सम्मेलनों में वित्तमंत्रियों के साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर भी बैठते हैं। उनके वहां बैठने का एक कारण होता है। वे रिजर्व बैंक के गवर्नर होते हैं ना कि अन्य नियामकों या सरकार के सचिवों की तरह, जो सरकार के इशारे पर काम करते हों।

उन्होंने कहा कि आरबीआई गवर्नर को इतनी स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति से भी असहमति दर्ज करा सके। उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक के पास परिचालन संबंधी निर्णय लेने का भी अधिकार होना चाहिए।

 

Related Articles

Back to top button