जाधव निर्दोष, जल्द रिहा करे पाकिस्तान
नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज संसद के दोनों सदनों को श्री जाधव के बारे में ‘द हेग’ स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्याय अदालत के फैसले से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अदालत ने पाकिस्तान से श्री जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया है और अब उसे अविलंब श्री जाधव को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार ने संसद में वचनबद्धता व्यक्त की थी कि वह श्री जाधव के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेगी। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में उनकी रिहायी के लिए कानूनी तरीके से अथक प्रयास किये गये।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले से इस मामले में न केवल भारत और श्री जाधव की प्रमाणिकता सिद्ध हुई है बल्कि इससे कानून व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय संधियों में भरोसा करने वाले लोगों का विश्वास भी बढा है। विदेश मंत्री ने इस मामले में भारत की ओर से पैरवी करने वाली पूरी विधि टीम की सराहना की बल्कि पूर्व सोलिसीटर जनरल हरीश साल्वे की विशेष रूप से प्रशंसा की जिन्होंने नाम मात्र की फीस पर भारत का पक्ष रखा। श्री जयशंकर ने कहा कि मुझे यकीन है इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करने में पूरा सदन मेरा साथ देगा। इस मुद्दे पर मैं जो भावनाएं यहां व्यक्त कर रहा हूं वह पूरे सदन और देश की है। विदेश मंत्री ने कहा कि श्री जाधव निर्दोष हैं और कानूनी प्रतिनिधित्व तथा नियत प्रक्रिया के बिना उनसे जबरन कबूलनामा कराया गया है लेकिन इससे वास्तविकता नहीं बदलेगी। सरकार एक बार फिर पाकिस्तान से श्री जाधव को रिहा करने और उन्हें भारत वापस भेजने का आग्रह करती है। विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सदन श्री जाधव के परिवार के साथ अपनी पुरजोर एकजुटता व्यक्त करने में मेरे साथ है।