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जाधव: ICJ से मिली हार के बाद बोले इमरान खान, कानून के मुबातिक आगे बढ़ेंगे

कुलभूषण जाधव मामले में नीदरलैंड के द हेग की अतंरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में भारत के सामने मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान इसे अपनी जीत बता रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस फैसले को लेकर अतंरराष्ट्रीय न्यायालय की सराहना की है। इमरान खान ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए गुरुवार को कहा कि हम कमांडर कुलभूषण जाधव को बरी और रिहा नहीं करने व भारत वापस नहीं भेजने के न्यायालय के फैसले की सराहना करते हैं। वो पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ किए गए अपराध के लिए दोषी हैं। पाकिस्तान इस मामले में कानून के मुताबिक आगे बढ़ेगा।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहे कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए कहा कि उन्हें कांसुलर एक्सेस दिया जाए।

अदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अगुवाई वाली पीठ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और उन्हें सुनाई गई सजा की प्रभावी समीक्षा करने और उस पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया।

पीठ ने एक के मुकाबले 15 वोटों से यह व्यवस्था भी दी कि पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी के बाद कंसुलर संपर्क के भारत के अधिकार का उल्लंघन किया। जजों ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव से संवाद करने और उन तक पहुंच के अधिकार, हिरासत के दौरान उनसे मिलने और उनका कानूनी पक्ष रखने की व्यवस्था करने के अधिकार से वंचित रखा।

जज यूसुफ ने व्यवस्था दी कि पाकिस्तान वियना समझौते के तहत जाधव की गिरफ्तारी और उसे हिरासत में रखने के बारे में भारत को सूचित करने के लिए बाध्य था। पीठ ने कहा कि भारत को तीन मार्च, 2016 को जाधव की गिरफ्तारी के बारे में सूचित करने में तीन सप्ताह की देरी हुई और इस तरह समझौते के तहत पाकिस्तान की बाध्यता को तोड़ा गया।

अदालत ने कहा कि भारत ने कई बार कंसुलर एक्सेस का अनुरोध किया जिससे पाकिस्तान ने इनकार कर दिया। उसने कहा कि यह निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपीलों को नहीं माना। अदालत ने कहा कि पाकिस्तान ने इस बात को स्पष्ट नहीं किया कि भारत द्वारा कथित तौर पर किया गया कोई भी गलत काम पाकिस्तान को उसकी बाध्यता के तहत काम पूरा करने से कैसे रोक सकता है।

अदालत ने कहा, जाधव की फांसी की सजा पर तबतक रोक रहेगी जब तक पाकिस्तान प्रभावी तौर पर इस पर पुनर्विचार नहीं करता। अदालत ने कहा कि वियना समझौते को तोड़ते हुए पाकिस्तान ने जाधव तक कांसुलर एक्सेस रोककर भारत के अधिकार का हनन किया है।

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