नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि वह श्रम संबंधित कानूनों को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे श्रमिकों में असंतोष पैदा हो रहा है।
यह आरोप लगाते हुए कि मोदी ने श्रमिकों पर ‘बड़ा हमला’ शुरू कर दिया है, राहुल ने कहा कि वह उनकी लड़ाई उसी तरह लड़ेंगे जैसे कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर किसानों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कांग्रेस की ट्रेड यूनियन विंग इंटक के 31वें पूर्ण सत्र में कहा, ‘जैसे हमने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, उसी तरह हम मजदूरों के हक के लिए लड़ेंगे और उनके साथ खड़े होंगे तथा एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। हम भाजपा, मोदी और आरएसएस तीनों से लड़ेंगे।’
राहुल ने कहा कि हालांकि वह भारत को चीन से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसे वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री के विचार से सहमत हैं, लेकिन यह सहमति यहीं खत्म हो जाती है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा इस वजह से है क्योंकि प्रधानमंत्री भारतीय मजदूरों को ‘बेईमान, कामचोर मानते हैं और यह सोचते हैं कि उनसे केवल डंडे के बल पर काम कराया जा सकता है।’
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इसीलिए श्रम कानूनों को कमजोर किया जा रहा है, जिससे कि श्रमिक उनके सामने घुटने टेकें। उन्होंने कहा, ‘यदि आप गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में बनाए जा रहे नए कानूनों को देखें तो आप पाएंगे कि मोदी ने श्रमिकों पर एक बड़ा हमला शुरू कर दिया है।’
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री महसूस करते हैं कि श्रम कानूनों को कमजोर करने और श्रमिकों को अनुशासित करने की आवश्यकता है, जिससे कि उन्हें काम करने के लिए मजबूर किया जा सके। मोदी महसूस करते हैं कि ‘रखने और निकाल देने की’ नीति तथा यूनियनों को कमजोर करने से मजदूरों से काम कराया जा सकेगा।
राहुल ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमारे श्रमिक कामचोर या अनुशासनहीन हैं..हमारा श्रमिक डरा हुआ है। वह अपने भविष्य को लेकर, अपने बच्चों के भविष्य को लेकर डरा हुआ है। मजदूर इस बात को सोचकर डरा हुआ है कि आज उसके पास जो काम है, वह कल रहेगा या नहीं। क्या कल उसके लिए फैक्टरी गेट खुलेगा।’
इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार को श्रमिकों और उद्योग के बीच ‘न्यायाधीश’ बनना चाहिए, न कि उद्योग का ‘वकील’, राहुल ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री श्रमिकों के मन से डर निकालने में सफल रहे तो भारत जल्द ही चीन से आगे निकल जाएगा। लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि राजग सरकार की ‘श्रम विरोधी और नीरस’ आर्थिक नीतियों के चलते श्रमिकों का ‘असंतोष’ देश में दो सितंबर को हुई एक दिन की आम हड़ताल से स्पष्ट झलका।
मोदी सरकार पर राहुल ने तब हमला बोला जब इंटक प्रमुख जी संजीव रेड्डी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह श्रमिकों के हितों पर विभिन्न तरह से वार कर रही है। रेड्डी ने कहा कि सरकार ‘प्रमाणन के लिए सभी दस्तावेज जमा करने के’ बावजूद 3.31 करोड़ सदस्यों वाले इंटक को देश के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन संगठन के रूप में मान्यता नहीं दे रही है।