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जानिए ऑस्कर अवॉर्ड के लिए कैसे चुनी जाती हैं फिल्में…

2019 के एकेडमी पुरस्कार समारोह का आयोजन 24 फरवरी को किया जाएगा। समारोह में कुल 24 कैटेगरी में अवॉर्ड्स दिए जाएंगे। एकेडमी अवॉर्ड्स पहली बार 16 मई, 1929 को हॉलीवुड के रूसवेल्ट होटल में एक निजी समारोह आयोजित करके दिए गए थे। इस बार ये समारोह बिना किसी मेजबान के डॉल्बी थियेटर में होने जा रहा है। बात करें नॉमिनेशंस की तो इस बार ऑस्कर नॉमिनेशंस में दो फिल्मों का सबसे ज्यादा बोलबाला रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं ऑस्कर में जाने वाली फिल्मों का चयन कैसे होता है। आइए बताते हैं…
साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से सिर्फ नौ फिल्में फाइनल सिलेक्शन तक पहुंचती हैं और उनमें से टॉप पांच फिल्में ही फाइनल में जाती हैं और उनमें से एक को ऑस्कर मिलता है। दरअसल ऑस्कर में दो लोग तय करते हैं कि कौन सी फिल्म नॉमिनेट होगी और कौन सी जीतेगी।

-एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस के मेंबर्स
-अकाउंटिंग कंपनी प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स

प्रोफेशनल मेंबर्स ऑफ अकेडमी द्वारा द अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स ऑर्टस एंड साइंसेस की अपनी 6000 मेंबर्स की एक रिसर्च टीम है, जो फिल्मों के नॉमिनेशन को हर पैमाने पर मापने के बाद ही ओके करती है। इस टीम में एक्टर, डिजाइर, सिनेमाटोग्राफर्स, डायरेक्टर्स, डॉक्यूमेंट्री, एक्जीक्यूटिव्स, फिल्म एडिटर मेकअप आर्टिस्ट और हेयर स्टाइलिस्ट, म्यूजिशिएन, प्रोड्यूसर पब्लिक रिलेशन, साउंड,विजुअल इफेक्ट और राइटर्स प्रमुख रूप से शामिल होते हैं। फिल्म के मेकर्स को इन सभी मेंबर्स के लिए अपनी फिल्मों के शो रखने होते है। स्क्रीनिंग पर वोटर्स को बुलाने की जद्दोजहद के साथ थियेटर, स्क्रीनिंग, नाश्ते और बाकी अलग तरह के खर्च होते हैं। जिससे वोटर्स की नजरों में फिल्म आ सके।

दरअसल नोमिनेटेड फिल्म को वोटर, वोटिंग के समय रैंकिंग करते हैं कि उन्हें दूसरे, तीसरे और बाकी के नंबरों पर कौन सी फिल्में पसंद है और उस फिल्म को विजेता घोषित किया जाता है जिसे सबसे ज़्यादा वोट मिलते हैं। इन सबके बीच फिल्म निर्माता के सामने सबसे बड़ी मुसीबत होती है अपनी फिल्म को सही तरीके से कैसे प्रोमोट करे।

फिल्ममेकर को सबसे पहले एकेडमी के सदस्यों को ढूंढना पड़ता है और ये सदस्य हर साल बदल जाते हैं। पहले इन सब के लिए एक अच्छे पब्लिसिस्ट की जरूरत पड़ती है। जो फिल्मों को प्रमोट करता है। इसके लिए 10 हजार डॉलर से लेकर 50 हजार डॉलर तक का खर्च आ जाता है। जिस फिल्म की ज़्यादा स्क्रीनिंग होती है मतदाता उससे ज्यादा प्रभावित होता है।

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