अद्धयात्म
जानिए कौन से ग्रह बनाते हैं आपकी नौकरी के योग
ज्योतिष से भविष्य संवारा जा सकता है, यह कोई अतिशयोक्ति नहीं वरन सत्य है। दरअसल, ज्योतिष भविष्य नहीं बताता, बल्कि ग्रह-नक्षत्रों के अध्ययन से जातक के भविष्य में घटने वाले शुभ-अशुभ योग-संयोग के बारे में अवगत कराता है। इसके अनुरूप अगर सावधानी बरती जाए तो निश्चित ही फायदा होता है। यह लगभग वैसा ही है, जैसे मौसम की भविष्यवाणी करना। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों के प्रभाव प्रतिकूल या अनुकूल हो सकते हैं। आइए, आपको बताते हैं कि किस ग्रह की महादशा और अंतरदशा में जातक को नौकरी या रोजगार का अवसर प्राप्त हो सकता है।
नौकरी के लिए उत्तम दशाएं –
* लग्न के स्वामी की दशा और अंतरदशा में
* नवमेश की दशा या अंतरदशा में
* षष्ठेश की दशा या अंतरदशा में
* प्रथम, षष्ठम, नवम और दशम भावों में स्थित ग्रहों की दशा या अंतरदशा में
* राहु और केतु की दशा या अंतरदशा में
* दशमेश की दशा या अंतरदशा में
* द्वितीयेष और एकादशेष की दशा में
नवम भाव भाग्य का भाव माना जाता है। भाग्य का बलवान होना अति आवश्यक है अतः नवमेश की दशा या अंतरदशा में भी नौकरी मिल सकती है।
छठा भाव प्रतियोगिता का भाव माना जाता है। दशम भाव से नवम अर्थात भाग्य और नवम भाव से दशम अर्थात व्यवसाय का निर्देश करता है अतः षष्ठेश की दशा या अंतरदशा में भी नौकरी मिल सकती है। जो ग्रह प्रथम, षष्ठम, नवम और दशम में स्थित हों वे भी अपनी दशा या अंतरदशा में नौकरी दे सकते हैं।