एजेंसी/ शराब से ऐसी बहुत सी जानकारियां जुड़ी हैं जो पूरी तरह से गलत है और लोग उन्हें बहुत सटीक मानते हैं। जानिए शराब से जुड़े कौन से मिथक है जो बहुत आम हैं लोगों के लिए।
पेट भर के खाना खाने के बाद शराब पी तो नशा कम होगा और बुरा असर नहीं पड़ेगा। इस तरह की कई बातों को हम मानते आ रहे हैं और पूरी कोशिश करते हैं ऐसा करने की। लेकिन क्या आपको पता है कि ये शराब से जुड़े सबसे बड़े मिथकों में से एक है।
शराब पीने से पहले पेट भर खाना खाने से ये जरुर होगा कि शराब थोड़ा देर से सोखेंगी लेकिन ऐसा नहीं इसका कोई भी असर नहीं होगा। उतना ही नशा चढ़ेगा जितना खाली पेट होता है।
अगर ज्यादा से ज्यादा पानी पिया जाए तो हैंगओवर से बचा जा सकता है या कम हो सकता है। ये पूरी तरह से एक मिथक है। हां शराब पीते समय बीच-बीच में पानी पीते रहे तो असर कम होगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि नशा कम होगा या फिर लीवर पर असर ना हो। इसके बाद भी शराब से होने वाले खतरे उतने ही बने रहते हैं।
शराब का जितना असर पुरुषों पर होता है उतना ही महिलाओं पर भी होता है। ये एक मिथक है, महिलाओं में नशा पुरुषों के अपेक्षा ज्यादा जल्दी चढ़ता है। इसकी वजह है कि पुरुषों के शरीर में पानी का स्तर महिलाओं की अपेक्षा अधिक होता है जिससे शराब शरीर में जल्दी धुल जाती है जिससे उसका असर कम होता है।
कुछ लोग मानते हैं कि शराब उत्तेजना पैदा करती है। ऐसा नहीं हैं, शराब अवसाद पैदा करती है जिससे भले ही शुरूआत में फुर्ती महसूस करेंगे लेकिन बाद में इसका उल्टा होगा। इसका एक और असर होता है कि अपनी भावनाओं पर आपका नियंत्रण नहीं रहता है।
बियर पीने से नशा कम होता है। कितनी भी मात्रा में बियर पिएं। चाहे एक पिंट बियर हो, वाइन का बड़ा ग्लास हो या फिर वोडका । 2.8 यूनिट तक एल्कोहल हर किसी में होता है। जितना ज्यादा पिएंगे उतना ज्यादा चढ़ेगी।
वाइन जितनी पुरानी होगी उतनी बेहतर होगी। ये एक मिथक है, सिर्फ कुछ खास तरह की वाइन होती है जो जितनी पुरानी होती हैं उन्हें उतना बेहतर मानते हैं। कुछ तो ऐसी है जिन्हें एक साल के अंदर ही खत्म कर देना चाहिए क्योंकि उनकी एक्सपाइरी एक साल की ही होती है।