जानिए चूड़ियां पहनने का सही नियम और सावधानियां
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प्राचीन काल से ही चूड़ियाँ महिलाओं के सौंदर्य और सौभाग्य का प्रतीक रही हैं. चूड़ियाँ केवल सौन्दर्य ही नहीं बढ़ातीं हैं, बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक दशा को भी ठीक रखती हैं. चूड़ियाँ कई रूपों में प्रयोग की जाती हैं – चूड़ी, कंगन, कड़ा और ब्रेसलेट. पुरुष भी इसको कड़े के रूप में या ब्रेसलेट के रूप में धारण करके स्वास्थ्य और ग्रहों को ठीक रख सकते हैं. ज्योतिष और आम जीवन में इनका प्रभाव बड़ा सूक्ष्म होता है, और ये मन पर सीधा असर डाल सकती हैं.
किस प्रकार चूड़ियाँ ग्रहों पर, हमारे स्वास्थ्य और मन पर असर डालती हैं?
– चूड़ियाँ मुख्य रूप से गोल होती हैं जो कि बुध और चन्द्रमा का प्रतीक हैं
– वैवाहिक जीवन और सौंदर्य से सम्बन्ध रखने के कारण ये शुक्र का भी प्रतीक हैं
– मणिबंध पर्वत को स्पर्श करने के कारण यस स्वास्थ्य पर भी सीधा असर डालती हैं
– सही नियमों से अगर सही रंगों की चूड़ियाँ पहनीं जायें तो वैवाहिक जीवन को सुखी किया जा सकता है
– विशेष प्रयोगों से प्रेम और करियर में भी सफलता पायी जा सकती है
क्या हैं चूड़ियाँ पहनने के नियम और सावधानियां?
– चूड़ियाँ शनिवार या मंगलवार को नहीं खरीदनी चाहिए
– पहनने के पूर्व चूड़ियाँ माँ गौरी को जरूर समर्पित करें
– नयी चूड़ियाँ प्रातः काल या संध्या काल ही पहनना शुरू करें
– अविवाहित होने पर किसी भी रंग की चूड़ियाँ पहनीं जा सकती हैं
– विवाहिता महिलाओं को काले रंग की चूड़ियाँ नहीं पहननी चाहिए
– अगर विवाहिता महिलाओं को सफ़ेद चूड़ियाँ पहननी हैं तो साथ में लाल चूड़ियाँ जरूर पहनें
– महिलाओं को कांच की या सोने चांदी की ही चूड़ियाँ पहननी चाहिए
– पुरुष लोहे का,ताम्बे का,सोने या चांदी का कड़ा पहन सकते हैं
चूड़ियों के विशिष्ट प्रयोग?
– स्वास्थ्य लाभ के लिए – सोने और चांदी की बराबर मात्रा में मिश्रित चूड़ियाँ धारण करें
– प्रेम प्राप्ति और वैवाहिक जीवन को सुखी रखने के लिए – गुलाबी रंग की चूड़ियाँ धारण करें
– शीघ्र विवाह के लिए – माँ दुर्गा को लाल चुनरी में लाल चूड़ियाँ अर्पित करें
– संतान प्राप्ति के लिए- पीले कांच की चूड़ियाँ धारण करें
– चूड़ियाँ उसी को भेंट दें जिसको बहुत अधिक प्रेम करते हों