व्यापार
जानें कैसे GST का डर दूर भगाएंगी ये वजहें
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) 1 जुलाई से लॉन्च होने जा रहा है. ट्रेडर्स और बिजनेस को इसकी जरूरत के मुताबिक खुद को ढालना होगा. हालांकि, उपभोक्ताओं को इसको लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है. हम बता रहे हैं इसकी वजहें.
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- सरकार को GST से नेट रेवेन्यू लॉस होने की उम्मीद है. कंप्लायंस में हुई बढ़ोतरी इसकी भरपाई कर सकते हैं.
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- आम आदमी की जरूरत के ज्यादातर सामान को जीएसटी के तहत छूट दी गई है या कम रेट्स के दायरे में रखा गया है.
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- GST के तहत सर्विस टैक्स रेट ज्यादा होंगे, लेकिन सेवाएं देने वालों को वैट के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा. हायर सर्विस टैक्स रेट होने के बावजूद कंज्यूमर्स के लिए कीमतें ज्यादा नहीं होगी.
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- केंद्र और राज्य सरकारें आसानी से रेट्स में बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगी. ऐसे में टैक्स की दरें स्थिर रहेंगी.
- एक एंटीप्रॉफिटरिंग इकाई बनाई गई है. अगर कोई बिजनेस कम टैक्स का फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाता है, तो वह संकट में फंस सकता है.