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जानें, GST लागू होने के पहले दिन बाजार का हाल, कितना हुआ कारोबार

वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी का शनिवार को पहला दिन था। पहला दिन तो मानसून की पहली झमाझम का भी था। मौसम खुशगवार हुआ। चिलचिलाती गर्मी से राहत मिली। मौसम खुशगवार हो तो बाजार तो खिल ही जाते हैं। रौनक बढ़ ही जाती है।
जीएसटी के जमाने में बाजार का कैसा मौसम है, यह जानने हम भी निकल पड़े। पर थोड़ी मायूसी हुई। शुक्रवार आधी रात के बाद तक गुलजार रहे बाजारों में वैसी रौनक नहीं दिखी। कुछ बारिश का असर तो कुछ एक दिन पहले ही खरीदारी में जेबें खाली करने का असर भी था।

जो खरीदारी कर भी रहे थे वे हिसाब लगा रहे थे कि एक दिन पहले खरीदा होता तो कितना फायदा होता या फिर कितना ज्यादा चुकाना पड़ता…। यानी कहीं एक दिन चूकने की आहें थीं तो जीएसटी से जो सामान सस्ते हुए उनको लेकर चेहरे पर मुस्कान भी थी।

रेडीमेड को छोड़कर कपड़ा दुकानों और शोरूम पर सन्नाटा पसरा रहा। कारोबारियों से बात हुई तो वे बोले-शनिवार को कारोबार 25 फीसदी ही हुआ। जानिए कैसा रहा बाजार का हाल…

थोड़ी झिकझिक…फिर खरीदा टीवी

इलेक्ट्र्रॉनिक एवं इलेक्ट्रिकल आइटम्स की सबसे बड़ी मार्केट नाका में ज्यादातर शोरूम पर कारोबारी तो जमे थे, पर खरीदार नदारद थे। कारोबारी सतपाल मीत भी ग्राहकों की राह तक रहे हैं।

बारिश थमने के बाद एक ग्राहक एलईडी टीवी खरीदने आया। उसने 25 हजार रुपये की एलईडी टीवी पसंद की। जब सतपाल ने उसको 250 रुपये जीएसटी चुकाने की बात कही तो बोला, प्रधानमंत्री मंत्री कह रहे थे कि जीएसटी लागू होने से वस्तुएं सस्ती होंगी। बहरहाल थोड़ी झिकझिक के बाद ग्राहक ने टैक्स सहित कीमत चुकाई और एलईडी टीवी लेकर चला गया।

सोने के गहने पर 272 रुपये अधिक चुकाए
ऐशबाग निवासी निशि जायसवाल ने चौक स्थित सराफा शोरूम से सोने के गहने खरीदे। निशि ने बताया कि जीएसटी के चलते उनको 27,200 रुपये के गहने पर 272 रुपये ज्यादा चुकाने पड़े।

सर्राफ आदीश जैन ने निशि को जो इनवॉइस सौंपा उसमें तीन फीसदी जीएसटी के साथ कुल बिल 28,016 रुपये का था। निशि कहती हैं, 816 रुपये जीएसटी भरना पड़ा। वैट के दौरान यही गहने खरीदती तो 544 रुपये ही टैक्स भरना पड़ता।

300-600 रुपये तक जींस-शर्ट महंगी

फैजाबाद रोड पर रेडीमेड गारमेंट्स की दुकानों पर सन्नाटा पसरा है। दुकानदार परमजीत सिंह बताते हैं कि जीएसटी प्रभावी होने से रेडीमेड जींस और शर्ट 300 से 600 रुपये तक महंगी हो गई है।

जीएसटी में 1000 रुपये की रेडीमेड जींस-शर्ट पर पांच फीसदी जीएसटी और इससे अधिक कीमत के रेडीमेड पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया है। यानी 2500 से 5000 रुपये में बिकने वाले ब्रांडेड कंपनियों की जींस एवं शर्ट के लिए पहले से अधिक दाम चुकाने होंगे।

बिना साड़ी खरीदे ही लौट गया ग्राहक

इंदिरानगर के भूतनाथ मार्केट का भी हाल सन्नाटे वाला ही रहा। यहां हम एक साड़ी शोरूम में पहुंचे। एक ग्राहक ने दो साड़ियां पसंद कीं। एक-एक हजार रुपये की इन साड़ियों पर पांच फीसदी जीएसटी के रेट से दो हजार रुपये की कीमत पर 100 रुपये टैक्स हुआ।

दुकानदार उत्तम कपूर ने जैसे ही जीएसटी के 100 रुपये अतिरिक्त चुकाने की बात की वह साड़ी खरीदे बिना ही लौट गया। फिर बारिश शुरू हो गई तो शाम पांच बजे तक एक ग्राहक नहीं आया। उत्तम बोले-आज तो बोहनी तक नहीं हुई।

दिल्ली का किराया 75 रुपये बढ़ा
घूमते हुए हम चारबाग बस अड्डे पर पहुंच गए। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की लग्जरी एसी बस से लखनऊ से दिल्ली तक सफर करने पर 75 रुपये किराया बढ़ गया है।

चारबाग अड्डे के प्रबंधक बीएन तिवारी ने बताया कि एसी बस के किराए पर पांच फीसदी जीएसटी लगने के कारण अब लखनऊ से दिल्ली का किराया 1572 रुपये हो गया, जो पहले 1497 रुपये था। निगम की 650 एसी बसों से सालाना करोड़ों रुपये जीएसटी के रूप में राज्य एवं केंद्र सरकार को हासिल होंगे।

 

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