जाने आखिर क्यों प्रिय है शनि देव को काला रंग,
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 9 ग्रह होते है जो अपना अलग अलग प्रभाव दिखाते है . इन ग्रहो की स्थिति परिवर्तन के वजह से मनुष्य को अच्छे व बुरे परिणाम दोनों प्राप्त होते है. इन 9 ग्रह में से तीन ग्रह ऐसे है जिनके प्रभाव से मनुष्य घबरा जाता है. ये तीन ग्रह है -राहु, केतु तथा शनि.
इन तीनो में से एक ग्रह है अथवा देवता है शनि, जिनकी कुदृष्टि से पड़ने वाले प्रभाव से सभी भली भाति परिचित है. यदि शनि देवी की कुदृष्टि किसी पर पड़ जाए अथवा वे किसी के कुंडली के अशुभ स्थान पर चले जाए तो उस व्यक्ति के सभी काम धीरे धीरे बिगड़ने लगते है.
इसलिए शनि देव की साढ़े साती एवम कुदृष्टि से बचने के लिए ज्योतिशो अथवा अन्य सिद्ध व्यक्तियों से यह एक उपाय अवश्य मिलता है शनि देवता को तेल के साथ ही काला कपड़ा अवश्य चढाये. इससे शनि देव प्रसन्न होते है.
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ऐसे में यह सवाल उठता है की आखिर शनि देव पर काला कपड़ा ही क्यों चढाया जाता है कोई और रंग का कपड़ा क्यों नहीं. आखिर क्यों शनि देव काले रंग के चढावे जैसे काला तिल, काला कपड़ा आदि से प्रसन्न होते है ?
यह तक की शनि देव के शरीर का रंग भी काला है. आइये जानते है की कैसे उनके शरीर का रंग काला पड़ा तथा आखिर क्यों वे काले रंग की चीज़ों से प्रसन्न होते है.
जब शनि देव अपनी माता संज्ञा के गर्भ में थे तब शिव भक्तिनी संज्ञा ने भगवान शिव से एक पराक्रमी एवम तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए उनकी बेहद कठोर तपस्या करि. कई दिनों तक भूखे प्यासे धुप में तपस्या करने के कारण शनि देव अपनी माता संज्ञा के गर्भ में ही काले रंग के हो गए .
शनि देव के चाल के सम्बन्ध में पुराणों में एक अन्य कथाये भी प्रचलित है जिसमे यह बताया गया है की उनकी चाल क्यों धीमी है. शनि देव एक ऐसे ग्रह में माने जाते है जो बहुत धीरे धीरे एक राशि से दूसरे राशि तक अपना स्थान परिवर्तन करते है. एक राशि से दूसरे राशि तक पहुचने में उन्हें ढाई वर्ष का समय लग जाता है.