जाने कैसा रहा योगी का एक साल, मोदी के बाद दूसरे सबसे बड़े प्रचारक बने आदित्यनाथ
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बीजेपी का 14 साल का सत्ता का वनवास पिछले साल इसी महीने में खत्म हुआ था. आगामी 19 मार्च को योगी आदित्यनाथ को सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हुए एक साल पूरे हो रहे हैं. इस एक साल के कार्यकाल में सीएम योगी, पीएम नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक के रूप में खुद को स्थापित करते में कामयाब रहे हैं. योगी ने पिछले एक साल में यूपी से बाहर कई राज्यों में चुनाव प्रचार किया और नतीजे बताते हैं कि उनकी कोशिशें नाकाम नहीं हुईं.
योगी बीजेपी के भगवा स्टार प्रचारक हैं. वह हिंदुत्व का चेहरा हैं. ऐसे में हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी दूसरे राज्यों के चुनावों में भी उनका जमकर इस्तेमाल कर रही है.
गुजरात में 35 सीटों पर किया प्रचार
प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तीसरे बड़े चेहरे थे, जिन्हें गुजरात चुनाव में बीजेपी ने जमकर इस्तेमाल किया. योगी ने गुजरात गौरव यात्रा में शामिल होने के साथ-साथ 29 जिलों की 35 सीटों पर चुनाव प्रचार किया. तब बीजेपी प्रवक्ता डॉ चंद्र मोहन ने कहा था कि ‘ब्रांड योगी’ का जादू अब दूसरे राज्यों में भी दिख रहा है. हालांकि योगी के गुजरात रैली के दौरान के कई ऐसे फोटो भी वायरल हुए थे जिनमें उनकी रैलियों में नाममात्र की भीड़ दिख रही है.
हिमाचल में योगी का जादू
योगी आदित्यनाथ ने गुजरात से पहले हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव में कई जनसभाएं कीं. पार्टी ने प्रदेश में उन इलाकों में योगी की रैलियां कराईं जहां राजपूत मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी थी. योगी ने हिमाचल में मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से कहीं ज्यादा जनसभाएं करने का काम किया.
त्रिपुरा की जीत में योगी की भूमिका
त्रिपुरा में लेफ्ट के 25 साल पुराने किले को ढहाने में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अहम भूमिका अदा की. योगी ने त्रिपुरा में दो दिन में 7 जनसभाएं की थीं. योगी के जरिए ही राज्य के लगभग 30 फीसदी बंगाली नाथ संप्रदाय के लोगों तक बीजेपी ने अपनी बात पहुंचाई. सीएम योगी नाथ संप्रदाय से आते हैं. गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर भी नाथ संप्रदाय का ही है.
कर्नाटक में योगी की डिमांड
गुजरात और त्रिपुरा में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डिमांड कर्नाटक में भी बढ़ गई है. कर्नाटक में कुल 30 जिले हैं और चुनाव के समय में हरेक जिले में उनकी रैली कराने की योजना बनाई गई है. योगी एक दिन में यहां तीन रैलियों को संबोधित करेंगे.
हालांकि वो कर्नाटक में जनवरी के महीने में बीजेपी की परिवर्तन रैली में भी शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने सिद्धारमैया के हिंदू होने पर सवाल उठाया था. योगी ने कहा था कि अगर सिद्धारमैया हिंदू हैं तो गोमांस खाने वालों की वकालत क्यों करते हैं? सिद्धारमैया की ओर से भी योगी के कर्नाटक में होने को लेकर कड़ा बयान आया था.
केरल के लेफ्ट के खिलाफ सड़क पर योगी
केरल में बीजेपी-आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में प्रदेश की माकपा सरकार के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सड़क पर उतरे. केरल में बीजेपी द्वारा शुरू किए जनरक्षा मार्च कार्यक्रम में योगी शामिल हुए. तब उन्होंने कहा था कि यह जमीन अब ज्यादा दिन ‘लाल’ नहीं रहेगी, इसे अब भगवा में बदल देंगे. योगी केरल यात्रा के दौरान वामपंथी हिंसा में मारे गए आरएसएस कार्यकर्ताओं का मुद्दा सुर्खियों में लाने में कामयाब रहे थे.