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जाने कौन थे ‘हॉकी के दादा’ किशन लाल? जिसका गोल्ड में दिखेगा किरदार

अक्षय कुमार की ‘गोल्ड’ 15 अगस्त को बड़े पर्दे पर आने वाली है. फिल्म राष्ट्रवाद, खेल भावना पर आधारित है. फिल्म का ट्रेलर इंटरनेट पर आ चुका है और इसके कंटेंट की जमकर तारीफ भी हो रही है. फिल्म में भारतीय हॉकी के स्वर्ण काल यानी तपन दास की जर्नी का जिक्र है. कैसे 1936 में एक युवा असिस्टेंट मैनेजर आजाद देश के लिए खेलने का सपना देखता है.

फिल्म में मेल लीड का रोल अक्षय कुमार कर रहे हैं. इसके अलावा मौनी रॉय, कुनाल कपूर, अमित साध, विनीत सिंह, सुन्नी कौशल और निकिता दत्ता भी अहम रोल में हैं. गोल्ड का डायरेक्शन रीमा कागती ने किया है. पर क्या आप जानते हैं कि 1948 में देश के लिए आखिर गोल्ड जितने वाला कौन था? 1948 के ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड जीतने वाले हॉकी खिलाड़ी का नाम किशन लाल था. वह उस टीम के कप्तान थे. ट्रेलर में अक्षय कुमार उस मैच का जिक्र भी करते हैं, जिसके बाद हमें आजादी मिली थी.

आइए हम आपको बताते हैं किशन लाल कौन थे?

– किशन लाल ने 1948 में भारत की जीत में अहम किरदार निभाया था. उस वक्त हॉकी टीम ने ब्रिटेन की टीम को 4-0 से धूल चटाई थी.

– बचपन में किशन लाल गोल्फ के दीवाने थे और इसी से वे हॉकी खेलने की ओर आकर्षित हुए.

– उन्होंने 14 साल की उम्र में खेलना शुरू किया. उन्होंने झांसी के महान हॉकी खिलाड़ी ध्यान चंद के साथ भी खेला.

– हॉकी खेलने की शुरुआत में ही किशन लाल का सिलेक्शन टिकमगढ़ के मशहूर भगवंत क्लब में हो जाता है.

– 1947 में ध्यान चंद के सेकंड कमान के तौर पर उनका चयन होता है. वह पूर्वी अफ्रीका टूर पर नेशनल टीम के साथ मैच खेलने जाते हैं.

– 1948 में उन्हें इंडिया का कप्तान बनाया जाता है, और इसके बाद वे इतिहास बनाते हैं.

– 28 साल तक देश को कई पदक और पुरस्कार दिलाने वाले किशन लाल रेलवे स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के तहत चीफ कोच बनते हैं.

– उन्हें देश में दादा का संबोधन मिलता है.

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– उन्हें सरकार ने 1966 में पद्मश्री से सम्मानित किया. राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने उन्हें पुरस्कार से नवाजा था.

– 22 जून 1980 को उन्होंने आखिरी सांस ली थी.

अब देखना होगा कि रीमा कागती की फिल्म में इस महान खिलाड़ी का किरदार कौन निभा रहा है.

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