बदमाशों को अंदेशा नहीं था कि पहला दरवाजा तोड़कर घुसने वाली पुलिस है। उन्हें लगा था कि वीरान जगह समझकर बदमाश घुस आए हैं। पुलिस ने पूरी कार्रवाई को दबे पांव अंजाम दिया था, क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि बदमाशों को विरोध करने का कोई मौका मिले। बदमाशों की गोली जब दरवाजे को चीरते हुए बगल से निकल गई तो पुलिस को भी जवाबी फायरिंग करनी पड़ी।
पुलिस ने बदमाशों को चेताया कि गोलियां हमारे पास भी हैं, मार देंगे। इसके बाद बदमाश ढीले पड़े तो पुलिस ने बेडरूम का दरवाजा तोड़कर बदमाशों को दबोच लिया। करीब बारह मिनट का आपरेशन रविवार रात 11.10 बजे अंजाम दिया गया। पुलिस को सूचना मिली थी कि सेलाकुई पुलिस चौकी से करीब पौने तीन किलोमीटर दूर बगीचे के बीच बने एक मकान में बदमाश छिपे हैं।
इसके बाद सहसपुर थानाध्यक्ष यशपाल बिष्ट और चौकी प्रभारी सेलाकुई दिलबर सिंह नेगी मौके पर पहुंचकर कोठी की रेकी की। खुद को घिरता देख बदमाश पीछे के दरवाजे से भाग सकते हैं इस लिहाज से पहले से ही पीछे के दरवाजे पर पुलिस कर्मियों को तैनात करने के बाद कुंडी लगा दी गई। पुलिस अधीक्षक नगर अजय सिंह आए तो आपरेशन की कार्रवाई शुरू हुई।
पहली टीम में एसपी सिटी, एसओ सहसपुर यशपाल बिष्ट, प्रेमनगर एसओ रवि सैनी, चौकी प्रभारी दिलबर नेगी और दूसरी टीम में एसओजी प्रभारी विनोद गुसाईं और संजय मिश्रा आदि पुलिस कर्मी दीवार फांदकर बगीचे में कूदे। पुलिस दबे पांव मकान की तरफ बढ़ी और घर का पहला दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हो गई।
आवाज सुनकर बेडरूम में मौजूद प्रदीप और केशव को लगा कि अंदर बदमाश घुस आए हैं। प्रदीप ने अंदर से एक के बाद एक दो फायर झोंक दिए। एक फायर दीवार पर लगा, जबकि दूसरा एसओ प्रेमनगर के पास से निकल गया। इसके बाद एसओ बिष्ट और चौकी प्रभारी नेगी ने डराने के लिए फायर किए।
पुलिस बताकर गोलियां बहुत होने का दबंगई से जवाब मिला तो बदमाश समझ गए कि अब उनकी चलने वाली नहीं है। पुलिस दरवाजा तोड़ने के बाद अंदर दाखिल होते हुए सुरक्षात्मक रवैया अपनाया। पुलिसकर्मी एक दूसरे को कवर किए थे। सामने पुलिस देखकर दोनों बदमाशों ने हाथ खड़े कर दिए। दोनों आरोपियों का कहना था कि बदमाशों के आने के अंदेशे में उन्होंने फायर किया था।
एसपी देहात करेंगे विवेचना
पुलिस मुठभेड़ के मुकदमे का वादी एसपी सिटी अजय सिंह के होने के कारण एसपी देहात जीसी ध्यानी मामले की विवेचना करेंगे। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने देर रात विवेचना के आदेश जारी कर दिए।
पकडे़ जाने का नहीं था डर
बदमाशों ने समाचार पत्रों के माध्यम से प्रदीप और केशव ने स्केच देख लिए थे। प्रदीप को गुमान था कि स्केच से उनकी सूरत नहीं मिलती है, इसलिए पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाएगी। प्रदीप ने पुलिस हिरासत में कहा कि इसी गलतफहमी में वह फंस गए। यदि अहसास होता तो वह कब का ठिकाना बदल दिए होते।
दहशत बरपाने को छिड़कते थे पेट्रोल
पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों बदमाशों का कोई गिरोह नहीं है। दोनों मिलकर वारदात को अंजाम देते थे। वारदात को अंजाम देने के दौरान सबसे पहले घर में पेट्रोल छिड़कते थे और आग लगाने की धमकी देते थे। इस वजह से लोग दहशत में आ जाते थे।
डूंगा के बेलावाला में रिटायर मेजर जरनल के यहां लूट में भी बदमाशों ने घर में घुसते ही पेट्रोल छिड़क दिया और आग लगाने की धमकी दी। यही वजह रही कि घर में छह लोग मौजूद होने के बावजूद उन्होंने दोनों बदमाशों का विरोध नहीं कर पाए थे।
बिना लूट किए लौट आए वापस
एसएसपी ने बताया कि दोनों बदमाशों ने भाऊवाला क्षेत्र में लूट करने की साजिश रची थी। बाकायदा मकान एक मकान की रेकी भी कर ली थी। वारदात रविवार रात को अंजाम देनी थी, लेकिन केशव द्वारा पीछे हटने के कारण घटना को एक दिन के लिए टाल दिया गया था। यदि वह पकड़ में नहीं आते तो एक-दो दिन में बड़ी वारदात कर सकते थे। उनके पास दरांती और रस्सी मिली है।
प्रतिष्ठित डॉक्टर की है कोठी
जिस कोठी में बदमाश छिपे थे वह किसी प्रतिष्ठित डाक्टर की बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार यह कोई डा. गुप्ता है, जो कि सहसपुर थाना क्षेत्र में क्लीनिक चलाता है। उसकी पूरी पहचान नहीं हो सकी है। थानाध्यक्ष यशपाल बिष्ट ने बताया कि बदमाश यहां कई दिनों से रह रहे थे। मामले में डाक्टर के खिलाफ किराएदारों का सत्यापन न कराने पर चालान की कार्रवाई की जा रही है।