फीचर्डराष्ट्रीय

जापान में एक आंदोलन बन गया है ‘मेक इन इंडिया’: पीएम नरेंद मोदी

Indian Prime Minister Narendra Modi, right, talks with his Japanese counterpart Shinzo Abe during the signing of agreement ceremony, in New Delhi, India , Saturday, Dec. 12, 2015. India and Japan have signed agreements on military purchases for India's armed forces, high-speed trains and upgrading India's infrastructure.They also reached an agreement for cooperation in the peaceful use of nuclear energy, with the final deal to be signed after technical details are finalized.(AP Photo/Manish Swarup)

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ जापान में एक आंदोलन बन गया है और उसने इसके लिए करीब 12 अरब डॉलर की राशि निर्धारित की है।

मोदी ने भारत-जापान व्यापारी नेता मंच को संबोधित करते हुए आज कहा, जापान में आज एक ‘मेक इन इंडिया’ आंदोलन है। मुझे बताया गया है कि इसके लिए 11 से 12 अरब डॉलर की राशि निर्धारित की गई है। यह स्पष्ट रूप से बताता है कि दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम केवल भारत ही नहीं बल्कि जापान में भी ‘मिशन मोड’ में आगे बढ़ रही है।

मोदी ने कहा कि जापान पहली बार भारत से कारें आयात करेगा। उन्होंने कहा, मारुति सुजुकी यहां निर्माण करेगी.. जापानी कंपनी यहां निर्माण करेगी और जापान में इसका निर्यात करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जापान को केवल उच्च गति की रेलगाड़ियों के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि उच्च गति के विकास के क्षेत्र में भी एक साथ आगे बढना चाहिए। उन्होंने जापान की अपनी पिछली यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि जापान ने 35 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, उस समय इस आंकड़े ने कई लोगों को हैरान किया लेकिन आज कुछ ही समय में इसमें अकल्पनीय प्रगति हुई है और इस निवेश की रूपरेखा जमीनी स्तर पर दिखनी शुरू हो गई है। भारत एवं जापान में आर्थिक संकेतकों में सुधार का जिक्र करते हुए उन्होंेने कहा कि ये खासकर वैश्विक आर्थिक नरमी के मद्देनजर काफी उत्साहवर्धक हैं।

उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि भारत संभावनाओं की भूमि है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने मोदी के सुधार कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा, नीतियां लागू करने और सुधार करने की प्रधानमंत्री मोदी की गति शिंकनसेन (बुलेट ट्रेन) की तरह है और उनका सुधार एजेंडा शिंकनसेन की तरह सुरक्षित है। आबे ने कहा कि भारत जापान के लिए निवेश का बहुत आकषर्क स्थल बन गया है।

आर्थिक मोर्चे पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि दोनों देश नजदीकी से काम करना चाहेंगे। इससे दोनों को फायदा होगा। उन्होंने कहा, मजबूत जापान, भारत के लिये अच्छा है और मजबूत भारत, जापान के लिये अच्छा है .. मुझे उम्मीद है कि हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध हमेशा करीबी बने रहेंगे। मोदी ने आगे कहा कि भारत में एक नीतिगत प्रयोग के तौर पर पिछले साल जिस जापान प्लस पहल की शुरुआत हुई थी वह भी बेहतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को न केवल तीव्र गति की ट्रेन चाहिये बल्कि उच्च आर्थिक वृद्धि भी चाहिये। उन्होंने कहा कि भारत-जापान व्यावसायिक मंच ने दोनों देशों के बीच विभिन्न संभावनाओं पर विचार किया है।

मोदी ने कहा कि यह व्यावसायिक मंच जो भी सिफारिशें करेगा भारत सरकार उन पर सक्रियता के साथ विचार करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती का माहौल है भारत और जापान की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। जापान का आर्थिक विश्लेषण जिसके आंकड़े कल ही आये हैं काफी उत्साहवर्धक हैं जबकि भारत के विनिर्माण क्षेत्र में 10.6 प्रतिशत और सकल औद्योगिक उत्पादन में 9.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। मोदी ने कहा अब मानव संसाधन और प्रौद्योगिकीय आधार की मजबूती का लाभ उठाते हुये आगे बढ़ने की जरूरत है।

भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2014-15 में 15.51 अरब डालर रहा जबकि एक साल पहले 2013-14 में यह 16.29 अरब डॉलर रहा था। भारत को जापान से अप्रैल 2000 से लेकर सितंबर 2015 तक 19.16 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने बैठक के बाद कहा फिलहाल कंपनी ‘बलेनो’ का निर्यात करेगी। उनसे जब निर्यात लक्ष्य के बारे में पूछा गया तो भार्गव ने कहा, हम 20 हजार से 30 हजार तक निर्यात की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जापान को ऑटोमोबाइल का निर्यात करना आसान काम नहीं है।

अपोलो टायर के चेयरमैन ओंकार सिंह कंवर ने कहा कि जापानी कंपनियों ने बिजली क्षेत्र सहित भारत में ढांचागत परियोजनाओं में निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जापान के कौशल का उल्लेख करते हुये सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष अजय श्रीराम ने कहा यहां सीखने को काफी कुछ है, दोनों देशों के बीच आपसी संपर्क भी अच्छा है यह भारत में निवेश में फायदेमंद होगा। बैठक में भारती एंटरप्राइजिज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल, आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, एस्सार समूह के चेयरमैन शशि रइया, सीआईआई अध्यक्ष सुमित मजुमदार, फिक्की की अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी और एसोचैम अध्यक्ष सुनील कनोरिया भी शामिल थे।

 

Related Articles

Back to top button