जाफना में अब नक्सलियों का खौफ हो रहा है बेअसर, पढ़ें कैसे
पलामू. झारखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चौथे चरण में बिहार की सीमा से सटे झारखंड के चतरा जिला के तीन प्रखंडों में शनिवार को मतदान होगा. ये प्रखंड हैं कुंदा व लावालौंग और हंटरगंज. ये इलाके उग्रवादियों के लिए झारखंड के जाफना के रूप में पहचान बनाए हुए थे. इन इलाकों में मतदाताओं पर नक्सली खौफ का कोई असर न पड़े इसको लेकर चतरा पुलिस ने पंचायत चुनाव के दौरान ग्रामीण इलाकों में जहां विशेष जागरूकता अभियान चला रही है.
वहीं नक्सल गतिविधियों पर ब्रेक लगाने के उद्देश्य से जंगल के इलाकों में विशेष नक्सल विरोधी अभियान भी चलाया जा रहा है . उधर मतदाता भी नक्सली खौफ से उबर कर लोकतंत्र के महापर्व के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं.
बुलेट पर भाड़ी बैलेट का उत्साह
कुंदा प्रखंड के लोग अब अपने गांवों का विकास चाहते हैं और अपने गांव में बिजली, शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की उम्मीद में हैं. दरअसल 90 के दशक से ही कुंदा और लावालौंग प्रखंड क्षेत्र नक्सलियों के छुपने के लिये सुरक्षित क्षेत्र था. माओवादियों के खौफ के कारण लोग मतदान में भाग नहीं ले सकते थे और पुलिस महज शोपीस या खानापूर्ति जैसी चीज बनकर रह गई थी लेकिन अब हालात बदल गये हैं.
कुंदा, लावालौंग सहित हंटरगंज प्रखंड के सभी क्षेत्रों में पुलिस की मुकम्मल व्यवस्था से आम लोगों में लोकतंत्र के प्रति काफी उत्साह है. कुंदा के बुजुर्ग अम्बिका सिंह भोक्ता कहते हैं कि कभी नक्सलियों के कारण लोग मतदान नहीं करते थे और अब नक्सलियों की गतिविधि समाप्ति के कगार पर है. दरअसल कुंदा, लावालौंग एवं हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र बिहार राज्य की सीमा से सटती है. चतरा पुलिस सभी प्रखंडों में सुरक्षित तरीके से मतदान कराना चाहती है इसलिये सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी पुलिस ने अभियान चलाया है.
गौरतलब है कि चौथे चरण के मतदान के तहत कुंदा व लावालौंग के नक्सली मांद में कई ऐसे मतदान केंद्र हैं जहां बुलेट को चुनौती देते हुए जिला प्रशासन ने पहली बार बैलेट पर मतदानकर्मी मतदान कराएंगे. इसको लेकर तीनों प्रखंडों को पांच सेक्टरों में बांटते हुए 70 सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है. साथ ही साथ सभी प्रखंडों में चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो इसके लिये अधिकारियों की भी प्रखंडवार प्रतिनियुक्ति की गई है .
सुदूर जंगलों में तैनात सुरक्षा बल
चतरा के एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ, जगुवार, सैफ, रैफ के अलावा जिला बल व पारा मिलिट्री जवानों के कई टुकड़ियों को जंगलों में भेजा गया है. साथ ही साथ माओवादियों व टीपीसी के मुख्यालय के रूप में चर्चित इलाके कुंदा व लावालौंग में एएसपी अभियान अश्विनी मिश्रा के नेतृत्व में विशेष नक्सल विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं.
एसपी ने बताया की किसी भी परिस्थिति में मतदान के दौरान नक्सल या आपराधिक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने बताया कि चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो इसकेलिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. आपको बता दें कि चौथे चरण में कुंदा, लावालौंग व हंटरगंज के 535 मतदान केन्द्रों पर मतदान होना हैं. जहां करीब 1 लाख 64 हजार 388 मतदाता अपने मताधिकार से चुनावी अखाड़े में भाग्य आजमा रहे 636 विभिन्न पद के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे.