संपादकीय

जाबाज सिपाही कैप्टन विक्रम बत्रा का हुआ जन्म

aaj-ka-itihasआज एक जाबाज सिपाही कैप्टन विक्रम बत्रा और दुसरा महान कवी भारतेंदु जी का जन्मदिन है
आइये सबसे पहले उस जाबाज सिपाही को नमन करते है।
कारगिल युद्ध के दौरान जिस समय कैप्‍टन बत्रा प्‍वाइंट 4875 से दुश्‍मनों को खदेड़ने की कोशिश में अपने घायल बहादुर सिपाहियों को वापस ला रहे थे, उसी समय वह दुश्‍मन की गोली का निशाना बन गए।
इस गोली के साथ ही देश का यह बहादुर सैनिक भी शहीद हो गया। सिर्फ 24 वर्ष की आयु में देश के लिए शहीद हो जाने वाले कैप्‍टन बत्रा का जिक्र आज सिर्फ उनकी बहादुरी के लिए ही नहीं होता है बल्कि जिस तरह से उन्‍होंने मुश्किल समय में अपने जवानों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया उसकी वजह से भी उनके साथी उनकी तारीफ करते हैं।
कारगिल की प्‍वाइंट 4875 से दुश्‍मनों को खदेड़ कर इस पर फिर से भारतीय तिरंगा लहराने वाले बत्रा का जिक्र अक्‍सर आने वाली पीढ़ियों के बीच होता रहेगा।
इनका जन्म आज ही के दिन 9 सितम्बर 1974 को हुआ था।

अब उस महान कवी के बारे में जानते है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र संस्कृत, उर्दू, गुजराती, पंजाबी, मराठी, बँगला के भी विद्वान थे तथा संगीत, धर्म, दर्शन सब में माहिर थे. मात्र 35 वर्षों के जीवन काल में ही वो हमें छोड़ के चले गए उनका जन्मदिन 9 सितंबर 1850- और पुण्यतिथि 6 जनवरी 1885 को मनाया जाता है।

आज का इतिहास

1948-जापानी सैनिकों के हथियार डालने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए इन सैनिकों ने चीन पर अतिग्रहण कर लिया था। जापान के तत्कालीन नरेश हीरुहीतू के आदेश पर 10 लाख जापानी सैनिकों नक हथियार डाले और चीन तथा जापान का ऐतिहासिक युद्ध समाप्त हुआ। चीन की यह सफलता सशस्त्र कम्यूनिस्ट सैनिकों और चीन की सरकारी सेना के बीच एकता का परिणाम थी। किंतु जापान को पराजित करने के बाद चीन में दोनों पक्षों के बीच आंतरिक युद्ध आरंभ हो गया जिसमें कम्युनिस्ट सैनिकों को जीत हुई और चीन में कम्युनिष्ट शासन व्यवस्था स्थापित हुई।

1948-द्वितीय विश्व युद्ध और कोरिया प्रायद्वीप के विभाजन के बाद उत्तरी कोरिया ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा की। कोरिया का इतिहास विदेशी आक्रमणों से भरा पड़ा है।सन् 1905में जापान ने चीन और रुस को पराजित करके कोरिया पर क़ब्ज़ा किया और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्त तक इसे अपने नियंत्रण में रखा। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चीन और कोरिया के स्वतंत्रता संग्रामियों ने जापान से संघर्ष किया। किंतु इस क्षेत्र की स्वतंत्रता के बजाए सन्1945 में उत्तरी कोरिया पर रुस और दक्षिणी कोरिया पर अमरीका का अधिकार हो गया बाद में दक्षिणी कोरिया ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की जिसके एक महीना बाद आज के दिन उत्तरी कोरिया ने भी अपनी स्वाधीनता की घोषणा की।अब इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण मामला दोनो कोरियाओं का एक देश में परिवर्तित होना है जिसके लिए भी वार्ताएं जारी हैं।

1948-कोरिया गणराज्य की स्थापना।

1976-चीन के विश्व विख्यात नेता माओ त्से तोंग का निधन हुआ। उनका जन्म सन1893 ईसवी को हुआ था। सन् 1931 में उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कम्युनिष्ट पार्टी की आधार शिला रखी। माओ, कम्युनिस्ट आंदोलन से द्वारा कृष्कों के समर्थन पर बल देते थे। इसी कारण ग्रमीण क्षेत्रो में उनक बहुत से समर्थक पैदा हो गये। सन् 1934 में एक लाख कम्युनिस्ट सैनिकों ने माओ के नेतृत्व में चीन के उत्तर से दक्षिण तक मार्च किया। इसमे एक वर्ष का समय लगा। माओ के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने सन् 1949 में सरकार बनायी जो चीन की एक शक्तिशाली सरकार में परिवर्तित हो गयी। कम्युनिज़्म के बार में माओ का विचार मार्क्स तथा लेनिन विचारधाराओं से कुछ अलग है इसे माओइज़्म कहा जाता है।

1991-ताजिकेस्तान से सोवियत संघ से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। रुस के ज़ार शासकों ने 19वीं शताब्दी से इस देश पर अपना नियंत्रण जमाया। किंतु सन् 1980 के दशक मे सोवियत संघ में होने वाले राजनैतिक परिवार्तनों के बाद ताजेकिस्तान ने भी अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।

1922-हंस जिओर्ग डेह्मेल्ट, नोबेल पुरस्कार विजेता, जर्मन भौतिकविद का जन्म हुआ।

आज ही के दिन 1967 में अक्षय कुमार का जन्म हुआ।

अब वापस प्रेम से बोलिये जय बाबा फरसा वाले की।

 

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