उत्तराखंड की खटीमा में हुए इस हादसे में पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचवाया। मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका को देखते हुए तत्काल दो जेसीबी, क्रेन और जनता के सहयोग से पांच घंटे की मशक्कत के बाद मलबा हटाया गया। लेकिन वहां कोई दबा नहीं था।
जामा मस्जिद में शनिवार सुबह से 86 गुणा 90 वर्ग फीट का लिंटर डाला जा रहा था। मस्जिद में 87 मजदूरों के साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग कारसेवा के लिए जुटे थे। कार सेवा करने वालों के लिए लगातार लंगर चल रहा था। मस्जिद के निर्माण में लोगों द्वारा चंदे के रूप में आर्थिक सहायता भी की जा रही थी।
लिंटर लगभग समाप्ति की ओर था कि एकाएक एक हिस्से से लिंटर की शटरिंग गिरने लगीं, जिसे देखते हुए मजदूर दूसरी तरफ को भागते हुए लिंटर से नीचे उतर आए। इस दौरान सात लोग घायल हो गए। इनमें इरफान निवासी कंजादास इज्जतनगर बरेली, पुत्तन निवासी इस्लामनगर, शकील निवासी न्यूरिया पीलीभीत, इम्तियाज निवासी कंजादास, मो. ताहिर निवासी न्यारिया हुसैनपुर, मोहम्मद नवी निवासी इस्लामनगर, राशिद निवासी गौटिया हैं।
घटनास्थल पर एसडीएम ऋचा सिंह, एसडीएम सितारगंज चंद्र सिंह इमलाल, सीओ लोकजीत सिंह, तहसीलदार राधेश्याम राणा, चिकित्साधीक्षक सुनीता रतूड़ी, डॉ. उमेश सुनदास, डॉ. आरिफ खान, डॉ. प्रदीप कोतवाल अजय ध्यानी, राजस्व निरीक्षक गिरवर सिंह, नरेंद्र गहतोड़ी, एसएसआई एचबी सेन, एसआई नरेश पाल, थाना प्रभारी दिनेश फर्त्याल, गोपाल सिंह ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इधर देर सायं जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता, एसएसपी केवल खुराना ने घटना स्थल और राहत कार्यों का जायजा लिया।
जनप्रतिनिधियों ने लिया जायजा
जामा मस्जिद में लिंटर गिरने की सूचना पर जिसे भी खबर मिली वह मस्जिद की ओर दौड़ पड़ा। विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेंद्र चंद, बसपा विधानसभा संयोजक रमेश राणा, देवेंद्र जुनेजा राजू, अरुण सक्सेना, अनिल बत्रा, पवन अरोड़ा, मेंहदी हसन, अशोक बत्रा, किशन चंद, लीला चंद, बल्देव सिंह, राज किशोर सक्सेना, विक्की आदि थे।