जालंधर भी पूर्ण बंद, गुरू की नगरी अमृतसर में भी छाया वीराना
लुधियाना : सुबह से ही पंजाब के आर्थिक राजधानी के नाम से विख्यात औद्योगिक महानगर लुधियाना दिनचर्या की तरह पूर्ण रूप से खुला, किंतु बाद दोपहर 3 बजे के उपरांत पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने और पंजाब व हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में भड़की आग के कारण और गड़बड़ी की सूचनाओं के आदान-प्रदान को देखते हुए तुरंत बाजार बंद होने शुरू हो गए और शाम 5 बजे तक 90 फीसदी से ज्यादा दुकानें और बड़े शापिंग कोम्पलैक्स बंद हो चुके थे। लोगों द्वारा दुकानें और कारोबारी दायरे बंद करके घरों की तरफ प्रस्थान करना मुनासिब समझा और जल्द से जल्द अपने-अपने आश्रय स्थलों की ओर कूच करते दिखे। लुधियाना का मुख्य केंद्र चौड़ा बाजार, घंटा घर, किताब बाजार और हौजरी का गढ़ वेटगंज, फील्ड गंज और माधोपुरी, घास मंडी, साबुन बाजार पूर्ण रूप से बंद हो गया।
हौजरी की समस्त दुकानें और कारखानों के शटर नीचे गिर चुके थे जबकि पॉश इलाका सिविल लाइन, सराभा नगर, रंधीर सिंह नगर और माडल टाउन इलाके की दुकानें भी बंद हो गई। इसी प्रकार जालंधर और गुरू की नगरी अमृतसर भी बेरोनकी दिखाई दिया। हालांकि पंजाब के कई शहरों में पुलिस ने ऐतिहात के तौर पर गड़बड़ी की सूचना मिलते ही कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। पंजाब के मालवा क्षेत्र बठिण्डा, फरीदकोट और फिरोजपुर में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के खिलाफ फैसला आने के बाद पैदा हुए हालात को काबू में रखने के लिए जिला पुलिस द्वारा शाम 5.30 से लेकर शनिवार सुबह 9 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस द्वारा जल्दबाजी में लिए गए फैसले के कारण लोगों को अपने-अपने घरों तक पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने कर्फ्यू लगाने से कुछ मिनट पहले ही सार्वजनिक घोषणा मुनादी करके करवाई। गांवों और कस्बों स्थित गुरूद्वारा साहिब और मंदिरों के लाउडस्पीकरों पर घोषणा उपरांत पूरे इलाके को पुलिस और फौज के हवाले कर दिया गया।