नई दिल्ली : केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गैंगस्टर राजेन्द्र सदाशिव निखलजे उर्फ छोटा राजन और बेंगलुरु पासपोर्ट कार्यालय के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों को जाली पासपोर्ट मामले में सात-सात साल जेल की सजा सुनायी है। पटियाला हाउस स्थित अदालत के विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार गोयल ने आज भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420, 471, 468, 467, 419 और 120(बी) के तहत चले मुकदमों में यह सजा सुनायी।
यह पहला मौका है जब छोटा राजन को देश में किसी मुकदमे में सजा सुनायी गयी है। छोटा राजन के अलावा जयश्री दत्तात्रेय रहाटे, दीपक नटवर लाल साह और ललिता लक्ष्मणन को सजा सुनायी गयी है। इन तीनों को कल दोषी करार दिये जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया था। श्री गोयल ने कल चारों को दोषी ठहराया था। इस मामले में आज सजा का ऐलान करते हुए न्यायाधीश ने अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन और पासपोर्ट कार्यालय के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों को जाली पासपोर्ट के मामले में सात-सात साल की सजा सुनायी।
चारों दोषियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। छोटा राजन पर देश में 70 से अधिक मामले चल रहे हैं।रहाटे, साह और लक्ष्मणन उस वक्त बेंगलुरुपासपोर्ट कार्यालय में कार्यरत थे। चौवन-वर्षीय छोटा राजन को जब गिरफ्तार किया गया था तब उसके पास फर्जी पासपोर्ट भी बरामद किया गया था, जिसे बेंगलुरु स्थित पासपोर्ट कार्यालय से ही बनाया गया था। छोटा राजन को नवम्बर 2015 में बाली से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसे प्रत्यर्पण कराकर दिल्ली लाया गया था। छोटा राजन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसके विरुद्ध फर्जी पासपोर्ट के जरिये 2003 में भारत से आस्ट्रेलिया भागने का आरोप है। सीबीआई ने पहला आरोप पत्र पिछले साल दाखिल किया था, जिसमें छोटा राजन के अलावा तीनों पूर्व अधिकारियों को भी शामिल किया गया था। अदालत ने सीबीआई और बचाव पक्ष की अंतिम दलीलें सुनने के उपरांत 28 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई का आरोप था कि छोटा राजन ने दोषी पासपोर्ट अधिकारियों के साथ साजिश कर 1998-99 में मोहन कुमार के नाम से पासपोर्ट जारी कराया था