अजब-गजब

जिस बैंक में लगाता था झाड़ू, उसी ने बना दिया करोड़पति… जानिए कैसे

बैंक में झाड़ू लगाने वाले स्वीपर को अचानक पता चला कि वह करोड़ों का मालिक है और उसे करोड़पति उसी बैंक ने बनाया है जिसमें वह काम करता है। यह जानकर उसके होश उड़ गए।

बैंक में झाड़ू लगाने वाले स्वीपर को अचानक आयकर का नोटिस मिला और उसे पता चला कि वह तो करोड़पति है और उसे करोड़पति उसी बैंक ने बना दिया जिसमें वह स्वीपर का काम करता था। यह जानकर उसके होश उड़ गए। उसे पता चला कि उसके बैंक में दो फर्जी खाते हैं जिनसे करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन हुआ है।

यह घटना पूर्णिया के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के भट्ठा बाजार स्थित आईसीआईसीआई बैंक की है जहां शुक्रवार को इस घटना के प्रकाश में आते ही अचानक काफी गहमा-गहमी शुरू हो गयी। दरअसल इस बैंक के स्वीपर विक्की मल्लिक के नाम से बने दो फर्जी खाते से करोड़ों रुपये की जमा और निकासी का मामला सामने आया है।

आइसीआइसीआइ बैंक कालीबाड़ी भट्टा बाजार शाखा के स्वीपर विक्की मल्लिक के बैंक खाते से 15 करोड़ का लेनदेन हुआ। यह मामला प्रकाश में तब आया जब वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 में करोड़ों के लेनदेन करने को लेकर आयकर विभाग ने खाताधारक स्वीपर मल्लिक को नोटिस भेजा।

खाताधारक का कहना है कि नोटिस देखकर वह दंग रह गया कि उसके दो बैंक खाते बैंक में हैं और एक खाते करोड़ों का लेनदेन किया गया है। पूर्णिया के सहवान टोला विकास बाजार निवासी विक्की मल्लिक ने इस बैंक में 2012 में स्वीपर के पद पर काम शुरू किया। इसके एवज में उसे बैंक द्वारा 55 सौ रुपये का मानदेय दिया जाता है।इस बैंक में विक्की मल्लिक ने एक बैंक खाता 071201502794 खोला लेकिन इसके बाद फिर बैंक में दूसरा बैंक खाता संख्या 071208500457 खोला गया। यह दूसरा बैंक खाता 26 मार्च 2012 को खोला गया और फिर इस खाते में करोड़ों का लेनदेन हुआ। इस खाते में 10 दिसम्बर 2012 को चार करोड़, 16 जनवरी 2013 को 9. 85 लाख, 17 जनवरी को 18 लाख एवं 21 फरवरी 2013 को 40 लाख रुपये जमा कराए गए हैं।

इनके अलावा इस खाते से कई बार मोटी रकम की निकासी भी की गई है। इस खाते में बैंक ड्राफ्ट एवं आरटीजीएस के माध्यम से भी कई बार बड़ी रकम भेजी गई है। वहीं विक्की ने बताया कि उसने एक खाता को छोड़, दूसरा खाता नहीं खुलवाया है। पुलिस ने भी अपने स्तर से इस मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं बैंक प्रबंधक इस मामले में कुछ भी बताने को राजी नहीं हुए|

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