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जी ललचाए-रहा न जाए, तो 2 मिनट लें पिज्जा-बर्गर की खुशबू

अगर बढ़ते वजन की चिंता होने के बावजूद भी पिज्जा-बर्गर देखकर कंट्रोल नहीं होता है तो अब आपके लिए एक खुशखबरी है. एक नई स्टडी के मुताबिक, अगर आप पिज्जा और बर्गर या ऐसी ही मुंह में पानी ला देने वाली चीजों के आस-पास दो मिनट खड़े रहकर महक ले लें तो आपका मन भर जाएगा.

जी ललचाए-रहा न जाए, तो 2 मिनट लें पिज्जा-बर्गर की खुशबू अगर आप लजीज फैटी चीजों के आस-पास 30 सेकेंड से कम समय के लिए खड़े होते हैं तो आपको ये खुशबू अपनी ओर खींच लेगी और आपकी क्रेविंग और बढ़ जाएगी. लेकिन अगर आप 90 सेकेंड के लिए खाने की खुशबू लेते रहें तो आपकी ज्ञानेंद्रियां संतुष्ट हो जाएंगी.

इस स्टडी में लोगों पर स्ट्राबेरी, सेब, बिस्किट, पिज्जा और बर्गर जैसी अलग-अलग चीजों की खुशबू से होने वाले असर की जांच की गई थी.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि एयर फ्रेशनर मैन्युफैक्चरर खाने की खुशबू जैसे उत्पाद बना सकते हैं ताकि लोगों को फैटी और ज्यादा शुगर वाली चीजों को खाने से रोका जा सके. इससे दुनिया भर में फैल रही मोटापे की समस्या पर भी काबू पाया जा सकेगा.

स्टडी में कहा गया है कि रेस्टोरेंट और फिश-चिप्स की दुकानों से आने वाली खुशबू के संपर्क में ज्यादा समय तक रहते हैं, तो इन चीजों को खाने का मन अपने आप खत्म हो जाएगा.

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिमाग अनिवार्य तौर पर सेंसरी प्लेजर के सोर्स की पहचान नहीं करता है इसीलिए ऐसा होता है.

स्टडी के ऑर्थर प्रोफेसर दीपायन बिस्वास ने बताया, किसी फैटी फूड के लिए होने वाली जबरदस्त क्रेविंग रोकने के लिए उसकी महक के बीच थोड़ी देर तक रहने का विकल्प मददगार हो सकता है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मोटापे की महामारी रोकने के लिए फैटी और शुगरी चीजों पर पूरी तरह से बैन या ज्यादा टैक्स लगाने जैसे कदम कभी असरदार साबित नहीं होने वाले हैं.

यह स्टडी जर्नल ऑफ मार्केटिंग रिसर्च में प्रकाशित हुई है. इस स्टडी के बाद आगे आने वाले समय में रूम फ्रेशनर बनाने वाली कंपनियां खाने की खुशबू वाले एयर फ्रेशनर और रूम स्प्रे बनाकर लोगों को सेहतमंद खाना खाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.

2 मिनट सूंघकर ही मिट जाएगी मन की भूख

स्टडी में डॉ. बिस्वास और उनके साथियों ने प्रतिभागियों को स्ट्राबेरी, सेब, बिस्किट और पिज्जा की खुशबू के बीच रखा. जिन लोगों ने 30 सेकेंड से कम समय तक के लिए अस्वास्थ्यकर चीजों को सूंघा, उन लोगों की क्रेविंग और भी ज्यादा बढ़ गई.

लेकिन जब प्रतिभागियों को दो मिनट या उससे ज्यादा समय तक के लिए अनहेल्दी चीजों की महक के बीच रखा गया तो उनकी क्रेविंग खत्म हो गई और नुकसानदायक चीजों के बजाय उन्हें सेब और स्ट्राबेरी जैसी हेल्दी चीजें खाने का मन करने लगा.

इससे पहले हुई स्टडी में बताया गया था कि फ्राइड फूड की महक अगर आपकी नाक में एक बार चली जाए तो आप इसे खरीदने को मजबूर हो जाते हैं.

डॉ. बिस्वास ने कहा कि अगर आप 120 सेकेंड तक यह टार्चर सह लेते हैं तो वाकई नुकसानदायक खाने को ना कहने में ये आपकी मदद करेगा और आप वजन घटा सकेंगे. उन्होंने कहा कि यूएस में एक कंपनी पहले ही कपकेक सेंटेड और कुकी सेंटेड एयर फ्रेशनर बना रही है.

रेस्टोरेंट में जमकर होता है फूड सेंट का इस्तेमाल

डॉ. बिस्वास ने बताया, बाजार में प्रतिस्पर्धा के बीच, एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए ऐम्बियेंट सेंट का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है. रिटेल स्टोर, सुपरमार्केट, होटलों, रेस्टोरेंट्स और कैफेटेरिया, एयरप्लेन और स्टेडियम में इसका इस्तेमाल आम बात है.

अभी तक मैनेजर विजुअल और ऑडिटरी पर ही ध्यान दिया करते थे लेकिन अब सुगंध का भी खास ख्याल रखा जा रहा है. उदाहरण के तौर पर, सैमसंग अपने न्यू यॉर्क के फ्लैगशिप स्टोर में हनीड्रू मेलन की खुशबू का छिड़काव करता है. रेस्टोरेंट्स में तो कई बार ऐसे आर्टिफिशल फूड सेंट का इस्तेमाल कर लेते हैं जो उनके मेन्यू में भी नहीं होते हैं.

उन्होंने बताया कि इस रिसर्च में उपभोक्ताओं की खाने की पसंद पर फूड सेंट के असर का अध्ययन किया गया है.

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