जूली की पूरे विधि-विधान हुई तेरहवीं, शामिल हुए 10 हजार से ज्यादा लोग
आपने इंसानों की तेरहवीं तो देखी होगी और उसकी दावत भी खाई होगी. लेकिन क्या किसी कुत्ते या कुतिया की तेरहवीं संस्कार के बारे में आपने सुना है? जी हां, उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक परिवार ने अपनी पालतू कुतिया जूली का तेरहवीं संस्कार किया. जिसमें आस-पास के कुत्तों के अलावा करीब 10 हजार लोग भी शामिल हुए.
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दरअसल सुरेन्द्र यादव और उनकी पत्नी बबली के कोई संतान नहीं है. इसी दौरन करीब 11 साल पहले उन्होंने जूली नाम की एक कुतिया को घर ले आए. जूली उनके परिवार में एक बेटी की तरह पली. बच्चे की तरह उसके खाने-पीने और सोने की व्यवस्था की गई. यहां तक की यादव परिवार जब भी कभी बाहर जाता तो बकायदा उसे अपने साथ ले जाते थे. लेकिन कुछ दिन पहले घर के बाहर एक वाहन की चपेट में आने से जूली की मौत हो गई. जूली की मौत से यादव दंपत्ति को तोड़ दिया. मानों जैसे परिवार का कोई महत्वपूर्ण सदस्य चला गया.
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आखिर जूली की मौत के बाद यादव दंपत्ति ने अपने गुरु सर्वेशरानन्द जी महाराज से बात की और उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवी संस्कार आयोजित करने की बात बताई. जिसके बाद जूली की आत्मा की शांति के लिए मृत्यु भोज आयोजित किया गया. हवन-पूजन और शांति पाठ के बाद आस-पास के कुत्तों को मृत्यु भोज कराया गया. साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने भी जूली की तेरहवी में शिरकत की और उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की.