भगौड़ा शराब व्यवसायी विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच हुई मुलाकात के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी बहस छिड़ी हुई है। गुरुवार सुबह से लेकर दोपहर तक भाजपा और सरकार जहां बचाव और कांग्रेस को ही घेरने में लगी है. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता पीएल पुनिया को भी पेश किया और कहा कि पीएल पुनिया विजय माल्या और अरुण जेटली के बीच हुई मुलाकात के चश्मदीद गवाह हैं।
कांग्रेस नेता पुनिया बोले, देखा था माल्या को वित्त मंत्री से बात करते
पुनिया ने कहा कि 1 मार्च को संसद के सेन्ट्रल हॉल में कोने में खड़े होकर विजय माल्या और अरुण जेटली काफी अंतरंग बातचीत कर रहे थे। हावभाव से साफ था कि दोनों काफी अच्छे से एक-दूसरे को जानतें है। उसके बाद 3 मार्च को विजय माल्या देश छोड़कर चले गए। पुनिया ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज की हो जांच, अगर मैं गलत निकला तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
राहुल गांधी का वित्त मंत्री जेटली से सवाल
गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल जेटली जी ने कहा कि विजय माल्या ने उनसे संसद में अनौपचारिक मुलाकात कर ली थी। वह लंबे ब्लॉग लिखते हैं, लेकिन किसी ब्लॉग में इस मुलाकात का जिक्र नहीं किया। जेटली जी ने जो कहा कि वो झूठ कहा। हमारी पार्टी के नेता पीएल पुनिया जी ने देखा कि दोनों संसद के केंद्रीय कक्ष में मिले थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें दो सवाल उठते हैं। पहला सवाल कि वित्त मंत्री भगोड़े से बात करते हैं और वह उनसे लंदन जाने के बारे में बताता है। लेकिन माल्या के बारे में वित्त मंत्री ने किसी एजेंसी को क्यों नहीं बताया?’ गांधी ने यह भी पूछा कि सीबीआई पर दबाव डालकर ‘रेस्ट्रेंड नोटिस’ को ‘इन्फॉर्म्ड’ नोटिस में किसने बदलवाया? उन्होंने आरोप लगाया, ‘वित्त मंत्री की मिलीभगत है। वित्त मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने अपराधी के साथ मिलीभगत क्यों की?
गांधी ने यह भी सवाल किया कि जेटली ने माल्या को खुद के स्तर पर भागने देने का फैसला किया या फिर मोदी जी कहने पर ऐसा किया?
किंगफिशर का मालिकाना हक गांधी परिवार के पास, राहुल का हवाला कंपनी से कनेक्शन’
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पर बहुत बड़ा हमला किया है। भाजपा प्रवक्ता संबिता पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, उदय शंकर महावर ने अपने कबूलनामे में कहा था कि उनके पास 200 कंपनियां हैं। राहुल गांधी ने कोलकाता की इसी डोटैक्स कंपनी से एक करोड़ रुपए का लोन लिया था। इस कंपनी के जरिए राहुल गांधी ने 5 हजार करोड़ रुपए का गबन किया। राहुल का हवाला कंपनी से रिश्ता है। शैल कंपनी ने राहुल को एक करोड़ का कर्ज दिया था।
संबित पात्रा ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस को लेकर राहुल गांधी बैकफुट पर आ गए हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि किंगफिशर का मालिकाना हक माल्या के पास नहीं बल्कि गांधी परिवार के प्रतिनिधि के पास है। एयरलाइंस ने गांधी परिवार को कई फायदे दिए जिसमें बिजनेस क्लास अपग्रेडेशन, मुफ्ट टिकट आदि दिए जो कि सार्वजनिक मंच पर है।
किंगफिशर के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियम बदले। राहुल गांधी किंगफिशर से मुफ्त में यात्रा करते थे। इस एयरलाइंस को बचाना सरकार का मकसद था। राहुल ऊल-जलूल ट्वीट करते हैं।
स्वामी ने लगाए जेटली पर दो बड़े आरोप
डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए वैसे ही मुसीबत बनी हुई है, बुधवार को करोड़ों रुपये लेकर फरार शराब व्यवसायी विजय माल्या के वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया था। बुधवार को विजय माल्या ने कहा था कि उसने लंदन जाने से पहले जेटली से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही विपक्ष जेटली के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है।
अब आग में घी डालने का काम भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने किया है। गुरुवार को स्वामी ने ट्वीट किया कि माल्या के देश से भागने को लेकर दो तथ्य हमारे सामने हैं, जिन्हें कोई नकार नहीं सकता है।
1. 24 अक्टूबर 2015 को विजय माल्या के खिलाफ जारी हुए लुकआउट नोटिस को ब्लॉक से रिपोर्ट में बदला गया। इसकी मदद से वह 54 लगेज आइटम लेकर भागने में सफल हुआ।
2. विजय माल्या ने संसद के सेंट्रल हॉल में वित्त मंत्री को बताया था कि वह लंदन जा रहा है।
बचाव में उतरी भाजपा और सरकार
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जेटली का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि संसद के गलियारों में माल्या ने जानबूझकर वित्त मंत्री से ऐसी बात की और वित्त मंत्री ने मना करते हुए बैंकों से बात करने को कह दिया। कांग्रेस इस बात को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। यह सब राहुल गांधी की लंदन यात्रा के बाद हुआ। क्या राहुल गांधी और विजय माल्या मिलकर काम कर रहे हैं?
वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया कि माल्या ने राज्यसभा का सदस्य होने का अनुचित फायदा उठाया है। माल्या ने झूठ बोला है और शिष्टाचार के नियमों का उल्लंघन किया है। इस प्रकार के अविश्वसनीय व्यक्ति के बारे में और उनकी टिप्पणी पर जो लोग भरोसा करते हैं, उनकी दोस्ती पता चलती है।
जेटली ने फेसबुक पर दी सफाई
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई देते हुए फेसबुक पर कहा कि माल्या का दावा तथ्यात्मक आधार पर गलत है। 2014 से अब तक मैंने उन्हें मिलने का समय ही नहीं दिया। वह राज्यसभा सदस्य थे, और कभी-कभार सदन आते थे। एक बार मैं सदन से अपने कमरे में जा रहा था, तभी वह साथ आ गए। माल्या ने समझौता करने को कहा था, लेकिन मैंने उनसे कहा कि मुझसे यह बात करने को कोई फायदा नहीं, यह बात बैंकों से करें।