जेटली ने कहा: जम्मू-कश्मीर में आर्मी कोई भी फैसला लेने के लिए आजाद है
नई दिल्ली: अरुण जेटली ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में जंग जैसे हालात हैं और आर्मी वहां कोई भी फैसला लेने के लिए आजाद है। आर्मी के मेजर द्वारा जीप के बोनट पर पत्थरबाज को बांधने को लेकर विवाद हो गया था। उमर अब्दुल्ला ने इस घटना का विरोध किया था। बीजेपी सांसद परेश रावल ने तो यहां तक कहा था, “जीप पर पत्थरबाज की जगह अरुंधति रॉय को बांधना चाहिए।” जब आप वॉर जोन में हों तो
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– मेजर गोगोई की जिक्र करते हुए जेटली ने कहा, “सिचुएशन से कैसे निपटना है, मिलिट्री ऑफिसर्स इसके सुझाव देते रहते हैं। जब आप वॉर जोन में हों तो स्थिति से कैसे निपटेंगे, इसे लेकर हमें अपने अफसरों को फैसला लेने की छूट देनी चाहिए।”
– “उन हालात में अफसरों को क्या करना है, इसके लिए उन्हें पार्लियामेंट मेंबर्स से पूछने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।” जेटली जम्मू-कश्मीर में हालात के सवालों के जवाब दे रहे थे।
– उमर अब्दुल्ला ने पत्थरबाज को जीप के बोनट पर बांधने वाले मेजर नितिन लीतुल गोगोई के खिलाफ आर्मी की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को ढोंग बताया।
– उमर ने ट्वीट कर कहा है, “भविष्य में कृपया मिलिट्री की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का ढोंग करने का कष्ट न उठाया जाए। साफ तौर पर जो अदालत मायने रखती है, वह है जनमत की अदालत।” बता दें कि उमर का बयान मेजर को आर्मी चीफ की तरफ से प्रशंसा पत्र (Commendation Card) मिलने के बाद सामने आया है।
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– उमर अब्दुल्ला ने एक आर्टिकल लिखकर यह भी बताया है कि मेजर गोगोई क्यों गलत हैं। इसका टाइटल है- Why Major Gogoi is wrong । जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वर्किंग प्रेसिडेंट उमर ने इस आर्टिकल को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
– मेजर गोगोई को आतंकवादरोधी अभियानों में उनकी लगातार कोशिशों के लिए आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने पिछले हफ्ते प्रशंसा पत्र दिया था। इसकी खबर सोमवार को सामने आई थी।
– बता दें कि श्रीनगर में 9 अप्रैल को बाईपोल के दौरान कई पोलिंग बूथ पर हिंसा हुई थी। पथराव कर रही हिंसक भीड़ के बीच से निकलने के लिए मेजर गोगोई ने कश्मीरी शख्स फारूख अहमद डार को ह्यूमन शील्ड के तौर पर जीप के आगे बांधने का ऑर्डर दिया था।
– 23 मई को घटना के बाद मेजर गोगोई ने पहली बार मीडिया के सामने बयान दिया। उन्होंने बताया कि किन हालात में उन्होंने पत्थरबाज को जीप के बोनट पर बांधने का ऑर्डर दिया था और ऐसा कर उन्होंने 12 लोगों की जिंदगी बचाई। अगर वे ऐसा नहीं करते तो पत्थर बरसा रही भीड़ के बीच से निकलना नामुमकिन था।
– मेजर ने बताया कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो जवानों को फायरिंग का ऑर्डर देना पड़ता और तब कई कश्मीरियों की जाने जा सकती थीं, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी हो सकती थीं।
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आर्मी ने जारी किया था पाक चौकियों को तबाह करने का वीडियो
– आर्मी ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की कई चौकियों को तबाह कर दिया। ये वे चौकियां थीं, जो कवर फायर देकर घुसपैठ में आतंकियों की मदद करती थीं। साथ ही, LoC से सटे भारत के गांवों पर फायरिंग करती थीं।
– मंगलवार को संभवत: ऐसा पहली बार हुआ जब आर्मी ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी कार्रवाई का वीडियो भी जारी किया।
– बता दें कि यह कार्रवाई पाक के कब्जे वाले कश्मीर में आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक के 8 महीने बाद हुई है। भारत ने सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। वहीं, हमारे शहीद जवानों का पाक सैनिकों द्वारा सिर काट लेने की घटना के 22 दिन बाद यह खुलासा हुआ है।