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जेटली ने दिया भरोसा, घर खरीदने वालों के हितों का ध्यान रखेगी सरकार

केंद्र सरकार ने बुधवार को भरोसा दिया है कि वो बिल्डरों से फ्लैट खरीदने वालों के साथ खड़ी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट मीटिंग के बाद जानकारी देते हुए कहा कि जिन बिल्डरों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है, उनसे फ्लैट खरीदने वाले बॉयर्स का सरकार पूरी तरह से ध्यान रखेगी। जेटली ने कहा कि जिन लोगों ने बिल्डरों को अपनी मेहनत की कमाई का पैसा मकान या फ्लैट लेने के लिए बिल्डरों को दिया है, उनको अपना फ्लैट मिलना चाहिए। सरकार पूरी तरह से खरीदारों के हितों का ध्यान रखेगी, ताकि किसी को भी आगे चलकर परेशानी का सामना न करना पड़े।

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जेटली ने दिया भरोसा, घर खरीदने वालों के हितों का ध्यान रखेगी सरकारइन बिल्डरों को किया गया है डिफॉल्टर घोषित
बैंकों का कर्ज न चुका पाने की स्थिति में जेपी इंफ्राटेक, आम्रपाली, गार्डेनिया, सुपरटेकऔर यूनिटेक आदि बड़े बिल्डर ग्रुपों पर हाईकोर्ट से लेकर के सुप्रीम कोर्ट का डंडा चला है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में अथॉरिटी और विकास प्राधिकरण अलग से पैसा मांग रहे हैं और बिल्डरों को अधूरे पड़े प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। 

जेपी ग्रुप को किया था दिवालिया घोषित

देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक जेपी इंफ्राटेक जल्द ही दिवालिया घोषित कर दी जाएगी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल(एनसीएलटी) के इलाहाबाद ब्रांच ने आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया कंपनी की श्रेणी में डाल दिया है।  एनसीएलटी अब जेपी इंफ्राटेड को दिवालिया घोषित होने के बाद की कार्रवाई और उसकी संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए 7 अकाउंटिंग कंपनियों में से एक को जिम्मा देगी, जो जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वालों के साथ कर्ज चुकाने की संभावनाओं पर रास्ता निकालेगी।
एनसीएलटी के आदेश के मुताबिक कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स सस्पेंड रहेंगे। इसके अलावा एनसीएलटी एक अधिकारी नियुक्त करेगी, जो 270 दिनों में जेपी के फाइनेंस की जांच करेगा। ये अधिकारी 7 अकाउंटिंग कंपनियों में से चुना जाएगा। खबरों के मुताबिक एनसीएलटी ने साफ कह दिया है कि अगर 270 दिनों में जेपी ग्रुप के हालात नहीं बदले तो जेपी इंफ्राटेक की संपत्ति नीलाम कर दी जाएगी। जेपी इंफ्राटेक जयप्रकाश एसोसिएट्स की मुख्य बड़ी कंपनियों में से एक है। जयप्रकाश एसोसिएट्स का इस कंपनी में 71.64 फीसदी का हिस्सा है।

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जेपी ग्रुप पर करीब 8 हजार 365 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें सबसे ज्यादा कर्ज आईडीबीआई बैंक का है। मनीकंट्रोल पोर्टल के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक की याचिका पर ही एनसीएलटी ने ये फैसला सुनाया है। इस फैसले की सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है, जिन्होंने जेपी ग्रुप से कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उसकी डिलीवरी नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 32 हजार नए घर जेपी बिल्डर्स बना रहा है, और ऐसे घरों में निवेश करने वाले लोगों का पैसा फंस गया है।

बता दें कि जेपी ग्रुप गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, आगरा में 5 टाउनशिप बना रहा है। इन बड़ी परियोजनाओं में हजारों घर, पेंट हाउस, प्लॉट्स, स्कूलों की जगह है। जेपी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ही हजारों फ्लैट्स बना रहा है। जेपी ग्रुप ने ही यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण का ठेका लिया था, जिसकी लागत 128.39 बिलियन रुपए आई थी। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में ही जेपी बिल्डर्स ने रेसिंग ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम समेत तमाम बड़े निर्माण कार्यों को अंजाम दिया है।

 
 

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