जेटली ने दिया भरोसा, घर खरीदने वालों के हितों का ध्यान रखेगी सरकार
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इन बिल्डरों को किया गया है डिफॉल्टर घोषित
बैंकों का कर्ज न चुका पाने की स्थिति में जेपी इंफ्राटेक, आम्रपाली, गार्डेनिया, सुपरटेकऔर यूनिटेक आदि बड़े बिल्डर ग्रुपों पर हाईकोर्ट से लेकर के सुप्रीम कोर्ट का डंडा चला है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में अथॉरिटी और विकास प्राधिकरण अलग से पैसा मांग रहे हैं और बिल्डरों को अधूरे पड़े प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं।
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जेपी ग्रुप पर करीब 8 हजार 365 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें सबसे ज्यादा कर्ज आईडीबीआई बैंक का है। मनीकंट्रोल पोर्टल के मुताबिक, आईडीबीआई बैंक की याचिका पर ही एनसीएलटी ने ये फैसला सुनाया है। इस फैसले की सबसे ज्यादा मार उन लोगों पर पड़ी है, जिन्होंने जेपी ग्रुप से कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उसकी डिलीवरी नहीं मिली है। सूत्रों के मुताबिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा में 32 हजार नए घर जेपी बिल्डर्स बना रहा है, और ऐसे घरों में निवेश करने वाले लोगों का पैसा फंस गया है।
बता दें कि जेपी ग्रुप गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, आगरा में 5 टाउनशिप बना रहा है। इन बड़ी परियोजनाओं में हजारों घर, पेंट हाउस, प्लॉट्स, स्कूलों की जगह है। जेपी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ही हजारों फ्लैट्स बना रहा है। जेपी ग्रुप ने ही यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण का ठेका लिया था, जिसकी लागत 128.39 बिलियन रुपए आई थी। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा में ही जेपी बिल्डर्स ने रेसिंग ट्रैक, क्रिकेट स्टेडियम समेत तमाम बड़े निर्माण कार्यों को अंजाम दिया है।