दस्तक टाइम्स/एजेंसी-बिहार : पटना. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश ने ऐसे व्यक्ति को महागठबंधन को नेता बनाया है, जिसकी 20 वर्षों तक खिलाफत करते रहे। जिसे अपराधी माना। सजा दिलाने में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई। हालांकि उन्होंने यह बातें बिना नीतीश या लालू का नाम लिए बगैर कहीं। जेटली ने प्रदेश भाजपा दफ्तर में कहा कि जिन्हें अपराध, भ्रष्टाचार, कुशासन का प्रतीक बताया आज अवसरवादी राजनीति में उसे ही गले लगा लिया। फिर बोले, नीतीश का विकास मॉडल बहुत पुराना है। इसका जमीनी स्तर पर असर नहीं हुआ। इससे न ही विकास होगा न ही रोजगार मिलेंगे। पिछले दो चरणों में एनडीए ने बढ़त बना ली है। अगले तीन चरणों में और तेज हवा चलेगी।
जेटली ने कहा कि 2005 में जब एनडीए-1 की सरकार बनी तो विकास के शुरुआती कार्य हुए। बात वहीं रुक गई। फिर नीतीश की नीति की जगह नीयत बदल गई। राजनीतिक अस्थिरता जदयू सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी रही। आगे भी इनके पास इसके अलावा कुछ नहीं। भाजपा राजनीति और शासन दोनों को स्थिरता देना चाहती है। बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो उसका सबसे प्रमुख एजेंडा अवसर पैदा करना और स्थिरता होगा। भाजपा बिहार में अपने बूते और सहयोगी दलों के सहयोग से बहुत बड़ा बहुमत लाएगी। इसका लाभ बिहार को ही होगा। जब केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार रहेगी तो केंद्र की योजनाओं का लाभ सीधे बिहार की जनता को मिलेगा। जबकि महागठबंधन की सरकार अाई तो वे केंद्र की योजनाओं को तो लेंगे ही नहीं।
दाल की कीमत घटाने को नीतीश गंभीर नहीं
विभिन्न राज्यों ने कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई की। देशभर में 50 हजार टन दाल जब्त हुए। लेकिन बिहार सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं। कालाबाजारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जेटली ने कहा कि दाल की पैदावार भारत में कम होती है। इस बार दुनिया में कम हुई है। फिर भी केंद्र ने बाहर से दाल मंगवाया है।
विभिन्न राज्यों ने कालाबाजारियों के खिलाफ कार्रवाई की। देशभर में 50 हजार टन दाल जब्त हुए। लेकिन बिहार सरकार इस दिशा में गंभीर नहीं। कालाबाजारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जेटली ने कहा कि दाल की पैदावार भारत में कम होती है। इस बार दुनिया में कम हुई है। फिर भी केंद्र ने बाहर से दाल मंगवाया है।