जेटली बोले- अगर कंप्यूटर डेटा को जांच करने का नहीं होता अधिकार, तो क्या पूरा होता NIA का अभियान
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कल यानी 26 दिसंबर को दुनिया के आतंकी संगठन स्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के खिलाफ अभियान चलाकर आतंकवाद मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम का पर्दाफाश किया। इसको लेकर NIA के इस अभियान को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधा हैं। आपको बता दें कि हाल ही में गृह मंत्रालय ने कुछ एंजेंसियों को सभी कंप्यूटर के डाटा जांच करने के अधिकार दिए थे, जिसका विरोध कांग्रेस समेत कई अन्य पार्टी ने भी जताया था।
एनआईए की इस अभियान के बहाने वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पलटवार किया। इस को अरूण जेटली ने सवाल किया कि क्या इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के इंटरसेप्शन के बिना NIA का आईएसआईएस मॉड्यूल के खिलाफ कार्रवाई करना संभव था। जेटली ने ट्वीट कर लिखा कि सर्वाधिक इंटरसेप्ट यूपीए शासन में हुआ था। जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि हैं। जीवन और व्यक्तिगच स्वतंत्रता केवल मजबूत लोकतांत्रिक देश में सुरक्षित रहेगी, आतंकी प्रभुत्व वाले देश में नहीं…
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस के विशेष सेल और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के साथ मिलकर दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर में छह जगहों पर जबकि उत्तर प्रदेश में 11 जगहों पर छापेमारी की। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो जगहों पर छापेमारी की गई। वीरगंज में एक घर पर कल सुबह 4 बजे छापा मारा गया। इस घर में रह रहे तीन भाईयों में से एक की पत्नी और उसके बेटे के कमरे की तलाशी ली।
इस दौरान उनके मोबाइल फोन और वहां मौजूद दो लैपटॉप से सारा ट्रांसफर कर लिया गया। एनआईए के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने बताया कि छापेमारी के दौरान देसी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट के सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा बरामद 112 अलार्म घड़ियों से स्पष्ट है कि वह सिर्फ एक नहीं बल्कि बड़ी संख्या में बम बनाने की योजना बना रहे थे।