नयी दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने रियल इस्टेट क्षेत्र की फर्म जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को दस मई तक उसकी रजिस्ट्री में एक सौ करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिवालिया समाधान पेशेवर (आईआरपी) को भी निर्देश दिया कि वह जयप्रकाश एसोसिएट्स लि को बहाल करने की योजना पर कानून के मुताबिक विचार करे।
वहीँ फर्म ने कहा कि वह अब तक शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में 550 करोड़ रुपए जमा करा चुकी है और कहा कि 30 हज़ार से अधिक मकान खरीदारों में से सिर्फ आठ प्रतिशत ही अपना धन वापस चाहते हैं जबकि 92 फीसदी खरीदार मकान चाहते हैं। इस फर्म ने मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिये शीर्ष अदालत के निर्देश पर 25 जनवरी को न्यायालय में 125 करोड़ रुपए जमा कराये थे। इस बीच, फर्म के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि पहले के आदेश पर अमल करते हुये उसने 12 अप्रैल को एक सौ करोड़ रूपए जमा करा दिये हैं। फर्म ने हर महीने पांच सौ मकानों का निर्माण पूरा करने का दावा करते हुये उसके इसे पुनर्जीवित करने के प्रस्ताव पर भी विचार करने का अनुरोध किया। शीर्ष अदालत ने मकान की बजाय अपना पैसा वापस लेने के इच्छुक खरीदारों को उनका धन लौटाने के लिये अपने 21 मार्च के आदेश में जयप्रकाश एसोसिएट्स को दो किस्तों में न्यायलय की रजिस्ट्री में दो सौ करोड़ रूपए जमा कराने का निर्देश दिया था।