जेल में इंद्राणी खा रही सुखे मेवे, फल, दूध और सब्जियां
एजेन्सी/मुंबई।बहुचर्चित शीना बोरा हत्या मामले में मुंबई की एक सत्र अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
इंद्राणी मुखर्जी ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि सुनवाई का सामना करने के लिए बिगड़ते स्वास्थ्य से उबरने की जरूरत है।
सरकारी वकील ने इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि मुखर्जी को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। वकील ने कहा कि यदि सरकार जेल में मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब का ध्यान रख सकती है तो इंद्राणी का भी ध्यान रखा जा सकता है।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो के वकील भरत बदामी ने कहा कि इंद्राणी स्वास्थ्य और महिला के विशेष कानूनी अधिकार के आधार पर जमानत मांग रही हैं। यह एक उच्च संवेदनशील मामला है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो महिला सुरक्षाकर्मी 24 घंटे उस पर नजर रखती हैं और जेल में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। पूर्व में सरकार ने अजमल कसाब की सुरक्षा में काफी रुपए खर्च किए और हम इंद्राणी को भी उसी तरह की सुरक्षा देने जा रहे हैं।
जेल में टहलकर वजन घटा रही इंद्राणी
इंद्राणी के वजन घटने के संबंध मे उन्होंने कहा कि इंद्राणी जेल में घूमती हैं और कैलोरी को जलाती हैं इसलिए वह अपने वजन घटने के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि इंद्राणी को जब अक्तूबर 2015 में अस्पताल में भर्ती कराया गया तब 12 अलग-अलग डाक्टरों ने उनका इलाज किया और उन्हें सलाह दी गई कि मसालेदार भोजन नहीं करें तथा पर्याप्त आराम करें और उचित नींद लें। उन्होंने कहा कि मुखर्जी को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है, जिसमें सूखे मेवे, फल, दूध और उबली सब्जियां शामिल हैं।
कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि अभी इंद्राणी का स्वास्थ्य ठीक है और जब जरूरत पडेगी उन्हें जे.जे. अस्पताल भेजा सकता है। इंद्राणी की तरफ से वकील महेश जेठमलानी ने अदालत में जिरह करते हुए कहा कि पिछले अक्टूबर माह से इंद्राणी के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट जारी है इसलिए उनके स्वाथ्य की लगातार जांच होनी जरूरी है।
इंद्रांणी ऐसी बीमारी से पीड़ित है, जिसके कारण उसके मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचने में रूकावट होती है और इससे उसके मस्तिष्क में आघात हो सकता है। जेठमलानी ने अदालत को बताया कि इंद्राणी मानवता के आधार पर जमानत मांग रही है न कि योग्यता के आधार पर। यही नहीं वह एक गंभीर बीमारी से परेशान हैं।
अदालत ने इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि जेल अधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर इंद्राणी निजी डाक्टर या निजी अस्पताल में भी इलाज करवा सकती है। इंद्राणी के पौष्टिक आहार के लिए कई निर्देश दिए गए हैं। जे.जे अस्पताल के डाक्टरों को हर तिमाही में इंद्राणी की जांच करनी चाहिए और रिपोर्ट अदालत को देनी चाहिए।